Syria Civil War: भारत ने सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा बशर अल असद की सरकार को अपदस्थ किए जाने के दो दिन बाद मंगलवार (10 दिसंबर) को वहां से 75 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों ने निकासी की समन्वित प्रक्रिया की.


देर रात जारी बयान में कहा गया, "भारत सरकार ने सीरिया में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला." इसमें कहा गया, "निकाले गए लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल हैं, जो सईदा जैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और वे उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे." 


विदेश मंत्रालय ने कही ये बात


विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. उसने कहा, "सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें." विदेश मंत्रालय ने कहा, "सरकार स्थिति पर निकटता से नजर बनाये रखेगी."


सीरिया में अराजक और अस्थिर हालात


वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने सीरिया में स्थिति को अराजक और अस्थिर बताया और कहा कि देश में 16 मिलियन से अधिक लोगों को मदद की जरुरत है. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने सोमवार को कहा कि 28 नवंबर से 8 दिसंबर तक अकेले पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में 10 लाख लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं.


कार्यालय ने कहा कि हाल ही में विस्थापित हुए लोगों में मुख्य रूप से अलेप्पो, हामा, होम्स और इदलिब प्रांतों से महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. स्थिति बहुत अस्थिर है.समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार रास्ते ब्लॉक हो गए हैं, जिससे लोगों, सामान और मानवीय सहायता की आवाजाही सीमित हो गई है.


विद्रोही गुटों ने की सैनिकों के लिए आम माफी की घोषणा


सीरिया के विद्रोही गुटों ने अनिवार्य सेवा में भर्ती किए गए सभी सैन्य कर्मियों के लिए आम माफी की घोषणा की है. एक बयान में, विद्रोही गुटों के सैन्य अभियान विभाग ने ऐलान किया, हम अनिवार्य सेवा के तहत सभी सैन्य कर्मियों को माफी देते हैं. उन्हें सुरक्षा की गारंटी दी जाती है, और उनके खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता वर्जित है.


(इनपुट एजेंसी के साथ)