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राफेल की गति से भारत-फ्रांस संबंधों को आगे बढ़ाने की दरकार: फ्रांस के विदेश मंत्री
बेंगलुरू: अपनी रणनीतिक साझेदारी को गति देने की कोशिश करते हुए भारत और फ्रांस ने रक्षा और आतंकवाद सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. फ्रांस ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध को राफेल लड़ाकू विमान की गति से आगे बढ़ना चाहिए. फ्रांस के विदेश मंत्री ने भारत की एनएसजी सदस्यता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए पेरिस का समर्थन भी दोहराया.
फ्रांस के विदेश मंत्री जेन मार्क आयरॉल्त ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर चर्चा की जिससे दोनों देश पीड़ित हैं. आयरॉल्त ने मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद बताया, ‘‘मैंने हमारी साझेदारी के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बात की.’’ वह यहां प्रवासी भारतीय दिवस के 14वें सत्र में शरीक होने आए थे.
यहां से भारत की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करने वाले फ्रांसीसी मंत्री ने बताया, ‘‘हमने रक्षा के बारे में बात की क्योंकि भारत को खुद की हिफाजत करने की जरूरत है. इसलिए, रक्षा एक अहम क्षेत्र है. मैंने आतंकवाद के बारे में चिंताएं भी साझा की और इसका मिलकर मुकाबला करने के तरीके पर भी बात की.’’ फ्रांसीसी मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत को विभिन्न जरूरतें हैं, उदाहरण के लिए राफेल लड़ाकू विमान. उन्होंने कहा, ‘‘भारत को पनडुब्बी और हेलीकॉप्टर की जरूरत है. इसलिए हमने इन सभी पर चर्चा की.’’
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद सहित कई मुद्दों पर चर्चा
पिछले साल सितंबर में भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ करीब 59,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किया था. ये विमान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं और ये अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस हैं, जो वायुसेना को पाकिस्तान पर कहीं अधिक बढ़त देगा. अपनी मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि फ्रांसीसी विदेश मंत्री और मोदी दोनों देशों के बीच करीबी रणनीतिक साझेदारी की बात दोहराई. उन्होंने रक्षा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
NGS और UNSC में भारत की स्थायी सदस्य पर फ्रांस ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई
स्वरूप ने बताया कि फ्रांसीसी मंत्री ने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने की बात भी दोहराई. उन्होंने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी विदेश मंत्री का भारत की उनकी पहली यात्रा पर आज किया. दोनों देशों ने आपस में करीबी रणनीतिक साझेदारी की बात दोहराई. ’’ स्वरूप के मुताबिक फ्रांसीसी मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को अब राफेल की गति से आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक वार्ता की और मोदी ने रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ के नारे को दोहराया. दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु उर्जा में सहयोग के बारे में चर्चा की जो विशेष रूप से जैतापुर परमाणु संयंत्र के बारे में थी.
फ्रांस कर सकता है 20 अरब यूरो का निवेश
स्वरूप ने आर्थिक पहलुओं पर कहा कि फ्रांस के विदेश मंत्री ने भारत में करीब 20 अरब यूरो के निवेश के बारे में बात की और वह गुजरात के कार्यक्रम (वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट) में भाग लेने को लेकर आश्वस्त हैं. यह कार्यक्रम भारत में फ्रांसीसी कंपनियों को निवेश के और मौके देगा. दोनों नेताओं ने भारतीय शहरों के लगातार विकास में फ्रांस की भागीदारी पर भी चर्चा की जहां ट्रांसपोर्ट और पानी सहित बाकी के क्षेत्रों में 60 फ्रांसीसी कंपनियां काम कर रही हैं.
उर्जा जरूरतों में योगदान की भी संभावना
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने असैन्य परमाणु उर्जा के बारे में भी बात की क्योंकि यह भारत की उर्जा जरूरतों में योगदान दे सकता है. जैसा कि भारत के प्रधानमंत्री ने पेरिस जलवायु समझौता में वादा किया था. उन्होंने कहा कि भारत में स्मार्ट सिटी, परिवहन, उर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट और ऑटोमोबाइल के क्षेत्रों में फ्रांसीसी कंपनियों के निवेश के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने निवेश के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की. भारत में कई फ्रांसीसी कंपनियां मौजूद हैं. हम यह भी चाहेंगे कि भारतीय कंपनियां फ्रांस में निवेश करे. हमें एक-दूसरे के प्रति एक जैसा व्यवहार के सिद्धांत को अपनाना चाहिए.’’ अयरॉल्त ने कहा कि वह मंगलवार को मोदी लेंसे फिर मिगे, जब वह अहमदाबाद में ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल शिखर सम्मेलन’ में शरीक होंगे. वह सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जिसमें फ्रांस एक साझेदार देश है. वह गुजरात सरकार के न्योते पर इसमें भाग ले रहे हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री ने भारत और फ्रांस के बीच संबंध के सांस्कृतिक पहलुओं का भी जिक्र किया.
उन्होंने बताया कि 4,000 भारतीय छात्र 2016 में फ्रांस आए, जो एक कम संख्या है और उन्होंने 2020 तक 10,000 छात्रों को लेने का लक्ष्य रखा है. फ्रांसीसी विदेश मंत्री कल बेंगलुरु मेट्रो की सवारी करेंगे जिससे ‘फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी’ (एएफपीडी) ने भी फंड किया है. वह कल इसरो प्रमुख एएस किरन कुमार से भी मिलेंगे. कार्यक्रम के मुताबिक उनकी इसरो यात्रा के दौरान यह संगठन और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी (सीएनईएस) सेटेलाइट लॉन्च टेक्नॉलजी में साझेदारी को अंतिम रूप देंगे. फ्रांस के विदेश मंत्री मंगलवार को गुजरात जाएंगे.
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