भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने राजधानी दिल्ली में कहा कि सागर-नीति यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन के तहत श्रीलंका को ये डोर्नियर एयरक्राफ्ट दिया गया है. इस टोही विमान से श्रीलंकाई मैरीटाइम सिक्योरिटी क्षमताएं काफी बढ़ जाएंगी. डोर्नियर एयरक्राफ्ट से भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर साबित होगा.
क्या चीन को जवाब है?
भारतीय नौसेना के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल घोरपडे का डोर्नियर एयरक्राफ्ट श्रीलंका को देना एक बड़ा दांव माना जा रहा है. क्योंकि 16 अगस्त यानी मंगलवार को चीन का स्पाई-शिप श्रीलंका में डॉक करने पहुंच रहा है. चीन का युआन वांग जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंच रहा है. कहने को तो ये जहाज एक रिसर्च और सर्वे शिप है और रिफ्यूलिंग के लिए हंबनटोटा पहुंच रहा है. लेकिन हकीकत ये है कि इसका इस्तेमाल चीन जासूसी के लिए करता है. जानकार मानते कि ये जहाद दरअसल एक बैलिस्टिक और सैटेलाइट ट्रैकिंग शिप है.
भारतीय शांति सेना के सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
चाइना युआन वांग का इस्तेमाल भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों की जासूसी के लिए कर सकता है. यही वजह है कि भारत ने श्रीलंका से इस जहाज को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी. शुरुआत में तो श्रीलंका मान गया था लेकिन फिर आने की इजाजत दे दी. श्रीलंका के दौरे के दौरान वाइस एडमिरल घोरपडे ने आईपीकेएफ मेमोरियल पर श्रीलंका में वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय शांति सेना के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
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