George Kookkad: वेटिकन में आयोजित एक भव्य समारोह में शनिवार (8 दिसंबर 2024) को पोप फ्रांसिस ने 51 बरस के भारतीय पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकड को ‘कार्डिनल’ नियुक्त किया. प्रसिद्ध सेंट पीटर्स बेसिलिका में हुए इस समारोह में दुनियाभर के पादरी और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया.


इस मौके पर 21 देशों के नए पादरियों को भी कार्डिनल की उपाधि दी गई. समारोह भारतीय समयानुसार रात साढ़े आठ बजे शुरू हुआ, जिसमें 21 नामित कार्डिनल के साथ जुलूस निकाला गया. इसके बाद पोप ने सभा को संबोधित किया और सभी नामित कार्डिनलों को पारंपरिक टोपी और अंगूठी भेंट की, फिर प्रमाण पत्र दिया गया.


पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात


केरल के चंगनास्सेरी आर्चडायोसिस चर्च के पादरी कूवाकड की नियुक्ति के साथ ही भारतीय कार्डिनलों की संख्या अब छह हो गई है, जिससे वेटिकन में भारत का प्रतिनिधित्व और मजबूत होगा. इस ऐतिहासिक निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य वरिष्ठ नेताओं और भारत के प्रमुख गिरजाघरों के प्रमुखों ने खुशी और गर्व के साथ इस घोषणा का स्वागत किया है.


पीएम मोदी ने शनिवार को 'एक्स' पर लिखा, "यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है." उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था. समारोह से पहले, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की.






जॉर्ज कूवाकड की उपलब्धियां


जॉर्ज कूवाकड का जन्म 11 अगस्त 1973 को तिरुवनंतपुरम में हुआ था. उन्हें 24 जुलाई 2004 को पादरी नियुक्त किया गया था. कूवाकड ने प्रतिष्ठित पोंटिफिकल इकलेसियास्टिकल एकेडमी से कूटनीतिक सेवा का प्रशिक्षण लिया और इसके बाद विभिन्न देशों में चर्च के कूटनीतिक कार्यों में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया, ईरान, कोस्टा रिका और वेनेजुएला जैसे देशों में चर्च के मिशन में योगदान दिया है. वर्तमान में, वह 2020 से वेटिकन के सचिवालय में पोप की वैश्विक यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें:


'किसानों से खाली करवाएं सड़कों पर किया गया अतिक्रमण', सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका