India-Japan Annual Summit: पीएम मोदी ने भारत आए जापानी पीएम को गिफ्ट की 'कृष्ण पंखी', जानें क्या है इसकी खासियत
इस 'कृष्ण पंखी' का निर्माण राजस्थान के चुरु में कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है. यह कलाकृति शुद्ध चंदन की लकड़ी से बनी है जोकि मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी भागों के जंगलों में मिलती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को 'कृष्ण पंखी' उपहार में दिया. ये चंदन की लकड़ी से बना है और इसके किनारों पर कलात्मक आकृतियों के माध्यम से भगवान कृष्ण की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 'पंखी' को पारंपरिक उपकरणों के जरिए उकेरा गया है और इसके शीर्ष पर हाथ से नक्काशी कर तैयार की गई मोर की आकृति है जोकि भारत का राष्ट्रीय पक्षी है.
राजस्थान के चुरु में किया गया है निर्माण
इस 'कृष्ण पंखी' का निर्माण राजस्थान के चुरु में कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है. यह कलाकृति शुद्ध चंदन की लकड़ी से बनी है जोकि मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी भागों के जंगलों में मिलती है. आपको बता दें कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आये हुये हैं. फुमियो किशिदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के अलावा 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. किशिदा प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत के आधिकारिक दौरे पर आये हुये थे.
आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान किशिदा ने कहा कि हमारे दोनों देशों को खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी टिप्पणी करते हुये कहा कि जापान और भारत मिलकर इस दिशा में लगातार काम करेंगे कि जल्द से जल्द युद्ध समाप्त हो जाए.
वहीं उन्होंने भारत में निवेश की घोषणा करते हुये कहा कि जापान अगले पांच वर्षों में भारत में निवेश लक्ष्य को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन येन या 3.2 लाख करोड़ रुपये कर देगा. भारत-जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रगति समृद्धि और साझेदारी भारत-जापान संबंधों के आधार हैं.
भारत-जापान एक टीम
हम भारत में जापानी कंपनियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पीएम मोदी ने भी जापान और भारत के बीच आर्थिक साझेदारी पर बोलते हुये कहा कि जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है. भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर 'वन टीम-वन प्रोजेक्ट' के रूप में काम कर रहा है.
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