India-Maldives Relations: भारत और मालदीव के बीच चल रहे मौजूदा विवाद को लेकर दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप वाले पोस्ट पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने विवादित बयान दिए थे, जिसके बाद भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसकी शिकायत मालदीव सरकार से की थी, अब तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हालांकि, इसी बीच इंडिया टुडे से बात करते हुए मालदीव की महिला अधिकार कार्यकर्ता सफाथ अहमद ज़हीर ने देश के मंत्रियों की तरफ से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी.
मालदीव की महिला अधिकार कार्यकर्ता सफाथ अहमद ज़हीर ने रविवार (7 जनवरी) को इंडिया टुडे से कहा कि हमारे सरकारी अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के प्रति ये अपमानजनक टिप्पणियां वास्तव में हमारे लिए बहुत शर्मनाक हैं. ये न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि बर्बर भी है. ये पेशेवर लहजे से मेल नहीं खाता है.
भारत-मालदीव के रिश्ते को खराब करने की कोशिश
महिला अधिकार कार्यकर्ता सफाथ अहमद ज़हीर ने बर्खास्त किए गए मंत्रियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि व्यक्तियों का वो छोटा समूह हमारे लंबे समय से चले आ रहे पड़ोसी सौहार्दपूर्ण संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "मालदीव और भारत 1965 से लगभग 60 सालों तक दोस्त, साझेदार और सहयोगी रहे हैं. मालदीव-भारत के बीच आपसी सम्मान और पारस्परिक लाभ पर आधारित गहरी दोस्ती है. समृद्धि के लिए हमारे रिश्ते को कायम रखना स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण है."
मालदीव में युवा अधिकारिता उप मंत्री मरियम शिउना ने प्रधानमंत्री की तरफ से लक्षद्वीप की अपनी यात्रा की तस्वीरें पोस्ट करने और द्वीप को एक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने के बाद एक्स पर पीएम मोदी को विदूषक और इजरायल का कठपुतली कहा था. हालांकि, विवाद बढ़ता देख मंत्री ने पोस्ट डिलीट कर दी.