India-Maldives Relations: मोहम्मद मुइज्जू जब से सत्ता में आए हैं, तबसे मालदीव के रिश्ते भारत के साथ काफी तल्ख चल रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी मुइज्जू भारत विरोधी राग अलापते रहे. वहीं सत्ता में आने के बाद उन्होंने चीन के प्रति अपना झुकाव दिखाया है. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने मालदीव के सालों पुराने इतिहास को तोड़ते हुए सर्वप्रथम चीन की यात्रा की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते भी हुए. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव और चीन के बीच कुछ सीक्रेट समझौते हुए हैं. यही वजह है कि मुइज्जू की सरकार इन समझौतों को उजागर करने से कतरा रही है. अधाधू डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री मोहम्मद सईद ने 4 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. अधाधू ने जब सूचना अधिकार कानून के तहत इसपर जानकारी मांगी तो मंत्रालय ने जवाब देने से स्पष्ट मना कर दिया. 


दोनों देश जवाब देने से कतरा रहे


मालदीव ही नहीं चीन की सरकार भी जवाब देने से कतरा रही है. बताया जा रहा है जब मुइज्जू 8 से 12 जनवरी के बीच चीन दौरे पर थे. उस दौरान चीन ने उनके साथ 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन चीन इस बारे में कोई जानकारी साझा करना नहीं चाह रही है. वहीं मालदीव की सरकार ने भी जवाब देने पर चुप्पी साध ली है. 


चीन के जानकारी न साझा करने के बयान के बाद मालदीव सरकार ने हालांकि कुछ समझौतों के बारे में जानकारी साझा की थी. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दोनों देशों के बीच जिन 4 क्षेत्रों में गोपनीय समझौते हुए हैं, वह हैं आर्थिक विकास नीति के क्षेत्र में आदान-प्रदान और सहयोग पर समझौता. इसके अलावा डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, बेल्ट और रोड में तेजी एवं हरित विकास में निवेश सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है.


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