India Maldives Relation Latest News: मालदीव सरकार के एक आदेश ने एक बार फिर से वहां के कुछ भारतीयों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, वहां भारत से उपहार में मिले डोर्नियर और हेलीकॉप्टरों को उड़ाने वाले असैन्य कर्मियों की पहचान के सार्वजनिक होने का खतरा बढ़ गया है. मालदीव के सूचना आयुक्त कार्यालय (ICOM) ने रक्षा मंत्रालय को उपहार में मिले सैन्य विमानों को ऑपरेट करने वाले भारतीय सैनिकों की जगह आए असैन्य कर्मियों की जानकारियों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह आदेश मालदीव की मीडिया अधाधु की एक सूचना के अधिकार (RTI) पर जारी किया गया है. अधाधु ने 12 मई को मालदीव के सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत एक अर्जी दायर की थी ताकि पता लगाया जा सके कि उनकी नागरिक के रूप में कैसे पुष्टि की गई, उनका विवरण और उन्होंने सैन्य विमान कैसे ऑपरेट किया, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया.


ICOM ने रक्षा मंत्रालय को दिया आदेश


जब मालदीव रक्षा मंत्रालय ने पूछी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया तब अधाधु ने मालदीव के सूचना आयुक्त कार्यालय (ICOM)  में एक कंप्लेंट दी. तीन महीने में चार सुनवाई के बाद आईसीओएम ने रक्षा मंत्रालय के फैसले को गलत बताया. सूचना आयुक्त अहमद अहिद रशीद ने इसके बाद एक लेटर भेजते हुए मालदीव रक्षा मंत्रालय को पांच वर्किंग डे के अंदर अधाधु को पूछी गई सारी जानकारी देने का आदेश दिया.


भारतीय सैनिकों की जगह असैन्य कर्मियों की हुई थी तैनाती


गौरतलब है कि 10 मई 2024 को, मुइज्जू सरकार ने कहा था कि मालदीव से 76 भारतीय सैनिकों को वापस बुला लिया गया है. उनकी जगह भारत सरकार की ओर से संचालित एक रक्षा कंपनी के नागरिक कर्मचारियों को यहां रखा गया है. इन कर्मचारियों ने इन विमान को कोई बार उड़ाया है. 26 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस समारोह में, मुइज्जू ने कहा कि डोर्नियर विमान की मदद से एक मरीज को ले जाया गया था, लेकिन डोर्नियर और दो भारतीय हेलीकॉप्टरों द्वारा की गई कुल यात्राओं की संख्या की जानकारी नहीं है.


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