India-Maldives Relations: मौजूदा समय में भारत की सबसे बड़ी चिंता पड़ोसी देश चीन और मालदीव हैं. चीन लगातार भारत को चारो तरफ से घेरने की कोशिश में लगा हुआ है. यही वजह है कि उसने मालदीव के साथ कई अहम क्षेत्रों में समझौते करते हुए अपनी तरफ मिलाने की कोशिश की है. चीन के इस साजिश के बाद भारत सरकार ने भी मुंहतोड़ जवाब देने की ठान ली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव के साथ हुए समझौतों के बाद चीन ने उसके क्षेत्रों में अपने जहाज तैनात करने शुरू कर दिए हैं. इसी प्रतिक्रिया को देखते हुए भारत ने भी मालदीव से करीब 524 किमी दूर अपने मिनिकोय द्वीप पर नेवल बेस आईएनएस जटायु बनाया है.
यही नहीं देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 15 युद्धपोतों के साथ 4 मार्च को मिनिकोय द्वीप रवाना हो रहे हैं. इस दौरान वह यहां नवनिर्मित नौसेना बेस का उद्घाटन भी करेंगे. नेवल बेस पर तैनात होने वाले युद्धपोतों में आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत का भी नाम शामिल है.
इसका मतलब साफ है कि भारत ने चीन और मालदीव को एक साथ सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है. भारतीय नौसेना के जवान युद्धपोतों को गोवा से कर्नाटक फिर कारवार से होते हुए मिनिकॉय द्वीपों की ओर ले जाएंगे. यहां भारतीय कमांडरों का एक सम्मेलन भी होगा.
मुइज्जू की सरकार बनने के बाद रिश्ते में आई कड़वाहट
मोहम्मद मुइज्जू की सरकार से पहले भारत और मालदीव के रिश्ते काफी बेहतर हुआ करते थे, लेकिन जब से उनकी पार्टी सत्ता में आई है तब से दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हुए हैं.
मुइज्जू चीन समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने सत्ता में आते ही सबसे पहले चीन का दौरा किया था. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम क्षेत्रों में समझौते भी हुए. 4 ऐसे समझौते हैं जिसे गोपनीय रखा गया है.
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