Maldives Tourism: मालदीव में बीते साल मोहम्मद मुज्जू सत्ता में काबिज हुए थे. उन्होंने अपने चुनावी एजेंडा ही इंडिया के खिलाफ तैयार किया था. जिसका फायदा मिला और देश के राष्ट्रपति बन गए और चीन के गोद में जाकर बैठ गए. हालांकि, लगभग 1 साल बीत जाने के बाद मालदीव की स्थिति पर्यटन के क्षेत्र में काफी खराब हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 24 सितंबर तक भारत से मालदीव जाने वालों की संख्या 146,057 थी. वो इस साल 24 सितंबर तक गिरकर  88,202 हो गई है. इसका मतलब महज 1 साल के अंतराल में ही लगभग 58 हजार की भारी कमी दर्ज की गई है.


बता दें कि भारत बीते 2 साल से मालदीव के पर्यटन बाजार में सबसे बड़े भागीदार की भूमिका निभाता रहा है. हालांकि, हलिया दिनों में स्थिति काफी बदल चुकी है. इसमें जमीन-आसमान का अंतर देखने को मिल रहा है. इन सब की वजह राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्री हैं, जिन्होंने 2024 के शुरुआत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान किया था. उसकी बाद से तस्वीर बिलकुल बदल गई. मोहम्मद मुइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम मजीदने सोशल मीडिया पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी.






मालदीव टूरिज्म का बायकॉट 
भारत में मालदीव टूरिज्म का बायकॉट को लेकर बड़ा अभियान चला. इसके बाद से वहां जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली. इसमे देश के कई नामी-गिरामी लोगों ने भी बढ़कर हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने खुल लक्षद्वीप को प्रमोट किया और दिखाया कि भारत विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान रखता है. हालांकि, भारत के काम को देखकर मालदीव सरकार घुटने पर आ गई और वहां के कई टूरिस्ट कंपनी ने अलग-अलग तरीके अपनाए जिसे भारत के पर्यटक फिर से मालदीव की ओर रुख करे. लेकिन इस दौरान  चीन और पश्चिमी यूरोपीय देशों से मालदीव आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई.


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