Indian-Maldives Tension: भारत और मालदीव के बीच हालिया तनाव के बाद देश के भीतर ही मालदीव की सरकार को आलोचना झेलना पड़ रहा है. सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के लक्ष्यद्वीप के दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. हालांकि विवाद को देखते हुए सरकार ने तीन मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया. मालदीव की सरकार ने कहा कि मंत्रियों के बयान उनकी निजी राय थी और इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सालिह ने कहा कि नकारात्मक बयानों से भारत-मालदीव के रिश्ते खटाई में पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव पुराने दोस्त हैं, हमारा रिश्ता काफी पुराना है.
क्या लिख रही है मालदीव का मीडिया?
मालदीव की प्रमुख न्यूज़ वेबसाइट 'द प्रेस' ने मंत्रियों की बर्खास्तगी को प्रमुखता से जगह दी है. 'भारतीय प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाने वाले मंत्रियों को सरकार ने किया बर्खास्त'हेडलाइन के साथ छपी खबर में लिखा गया कि भारत सरकार समंदर के किनारे सफेद रेत वाली तटों से अपने नागरिकों को लुभा रही है. कई लोग सोशल मीडिया पर बता रहे हैं मालदीव के मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ कहा है.
भारत की मीडिया में मालदीव की पर्यटन घटने की ओर इशारा किया जा रहा है. इसके साथ ही इस खबर को ज्यादा तरजीह दी जा रही है भारतीय पीएम पर बयान देने के बाद मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया. मालदीव की प्रमुख मीडिया द एडिशन ने लिखा, पीएम मोदी पर किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मालदीव में जनता ने सरकार पर मंत्रियों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया. देश के लोग मान रहे हैं कि इससे देश की छवि और पर्यटन को नुकसान पहुंचा है.
द एडिशन लिखता है, "भारत के लोग मालदीव का बहिष्कार कर रहे हैं. कई ऐसी रिपोर्टे सामने आ रही हैं जिसमें पता चला है कि भारत के लोग मालदीव के फ्लाइट टिकट कैंसिल कर रहे हैं."
चर्चित न्यूज़ चैनल पीसीएम न्यूज़ ने लिखा, "अभिव्यक्ति की जिम्मेदार स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए सरकार ने जनता से उन गतिविधियों में शामिल नहीं होने की गुजारिश की है जो नफरत पैदा करती हैं, उकसाती हैं या अन्य देशों के साथ मालदीव के संबंधों को खतरे में डालती हैं. मालदीव सरकार ने यह साफ कर दिया है कि संबंधित अधिकारी अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे."