India-Maldives Standoff: वर्तमान समय में भारत और मालदीव के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. पड़ोसी देश में नए सरकार के आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में और दरार आई है. जिसका फायदा चीन खूब उठा रहा है. वह दिन-प्रतिदिन मालदीव के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहा है और भारत को चारो तरफ से घेरने की कोशिश में लगा हुआ है. 


भारत और मालदीव के बीच चल रहे तनावपूर्व स्थिति में चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भी खूब जहर उगल रही है. अखबार के एक लेख की हेडलाइन 'भारत-मालदीव गतिरोध पड़ोसी पहले प्रतिबद्धता की परीक्षा लेती है' दी गई है. लेख की तस्वीर में हाथी के मुंह वाले एक शख्स को दिखाया गया है. जिसके हाथ में कांटो वाली एक बेंत नजर आ रही है.


इस लेख में लिखा गया है कि मालदीव के साथ भारत की कूटनीतिक गतिरोध इस बात को दर्शाती है कि वह कितना बेचैन है. हालांकि भारत के लिए इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को दोष देना सुविधाजनक है. 


ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारत के खिलाफ कई दक्षिण एशियाई देशों में नकारात्मकता बढ़ रही है. मोदी सरकार को अब अपने पारंपरिक बड़े भाई वाली शैली पर विचार करना चाहिए और निष्पक्ष समाधान ढूढ़ना चाहिए.


लेख में लिखा गया है कि भारत अपनी मजबूत स्थिति और पड़ोसी प्रथम नीति की बयानबाजी और प्रथाओं के बावजूद पड़ोसी देशों का दिल और दिमाग जितने में नाकामयाब हो रही है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच विवाद की वजह मालदीव में तैनात भारतीय सैनिक हैं.


लेख में आगे कहा गया है कि मालदीव की नई सरकार ने भारतीय सैनिकों को 10 मई तक देश छोड़ने का आदेश दिया है, लेकिन भारत सरकार ने अबतक कोई बयान नहीं दिया है. ऐसे में इस डिप्लोमैटिक ड्रामा के आगे बढ़ने की उम्मीद है.


ग्लोबल टाइम्स द्वारा भारत पर आरोप लगाया गया है कि वह मालदीव पर लगातार दबाव बना रहा है. भारतीय कोस्ट गार्ड मालदीव की नावों को रोक रहे हैं. आगामी 2 से 3 महीनों में कुछ भी हो सकता है. मोदी सरकार ने मालदीव की विकास सहायता राशी में भी कटौती की है, जो मौजूदा सरकार के खिलाफ उनकी बेरुखी को दर्शाती है.


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