India Maldives Tension Row: मालदीव के राष्ट्रपति को भी हुआ गलती का एहसास, क्या ऐसे करेंगे पश्चाताप? चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू का यह है प्लान
India Maldives Tension Row: भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपमान से जुड़े मामले पर मालदीव के विदेश मंत्री ने बताया कि वे लोग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आगे से उनके देश की ओर से ऐसा न हो.
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India Maldives Tension Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपमान के बाद भारत और मालदीव के रिश्तों में आई खटास अभी तक वहां के आम से लेकर खास लोग महसूस कर रहे हैं. झटके खाने के बाद दोनों देशों के संबंध ट्रैक पर लाने के लिए मालदीव की ओर से कई बार पहल की गई और इसी कड़ी में वहां के विदेश मंत्री ने संकेत दिए हैं कि उनके देश और वहां के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का आगे का प्लान क्या हो सकता है.
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने गुरुवार (नौ मई, 2024) को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में बताया- हमारी भारतीय समकक्ष डॉ एस जयशंकर के साथ मालदीव के राष्ट्रपति के बहुत जल्द होने वाले दिल्ली दौरे की चर्चा हुई.
चीन जाने पर भारत न आने पर क्या बोले मूसा जमीर?
मोहम्मद मुइज्जू के ऑफिस संभालने के बाद चीन जाने और भारत न आने का बचाव करते हुए वह आगे बोले- राष्ट्रपति तुर्किए और चीन गए थे. मुझे लगता है कि ये दौरे सहूलियत के हिसाब से थे. हमारी दिल्ली (भारत) के साथ भी चर्चा हुई थी पर तब दोनों ओर से बात नहीं बन पाई थी. ऐसे में हमारे देश की ओर से सोचा गया कि भारत का दौरान कुछ दिन बाद किया जाएगा.
चीन संग मिलिट्री समझौते पर मालदीव का आया यह रिएक्शन
बातचीत के दौरान मूसा जमीर ने यह भी साफ किया कि चीन के साथ मालवीद का कोई मिलिट्री समझौता नहीं हुआ है. उन्होंने कहा- मालदीव के राष्ट्रपति भी साफ तौर पर कह चुके हैं कि हम किसी भी विदेशी मिलिट्री को मालदीव में नहीं लाने जा रहे हैं.
झटकों के बाद मालदीव के राष्ट्रपति की अक्ल आ गई ठिकाने!
समझा जा सकता है कि मोहम्मद मुइज्जू भारत आकर यह संदेश देना चाहते हैं कि इंडिया को लेकर उनके मन में कुछ भी गलत नहीं है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यहां आकर वह पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं और भविष्य में दोनों देशो के रिश्तों को सुधारने पर बल देते नजर आ सकते हैं.
एस जयशंकर ने इंडिया और मालदीव के रिश्तों पर क्या कहा?
मालदीव के विदेश मंत्री की ताजा टिप्पणियों के बीच उनके भारतीय समकक्ष डॉ एस जयशंकर ने उनसे बातचीत के दौरान कहा, "दोनों देशों के रिश्तों का विकास आपसी हित और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है." डॉ एस जयशंकर की यह टिप्पणी छह महीने पहले मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आई कड़वाहट के बीच आई है.
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