अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी को भारत ने दिया नाम, तिलमिलाया चीन, फैसले पर सुनाया ये फैसला
भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. भारत ने अरुणाचल प्रदेश में एक चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखने का फैसला किया है, जिसका चीन ने विरोध किया है.
![अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी को भारत ने दिया नाम, तिलमिलाया चीन, फैसले पर सुनाया ये फैसला India names a peak in Arunachal Pradesh after the Sixth Dalai Lama China angry अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी को भारत ने दिया नाम, तिलमिलाया चीन, फैसले पर सुनाया ये फैसला](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/27/13bafe0ac25c8686317d7347bb7cc56b17274089194171051_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
India China Dispute On Arunachal Pradesh : अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर से टैंशन बढ़ती हुई दिख रही है. इस बार मामला अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी को नाम देने से शुरू हुआ है. असल में भारत ने अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी का नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम रखने का निर्णय लिया है. भारत के इस फैसले चीन को मिर्ची लग गई है और उसने इस बात का विरोध करते हुए क्षेत्र पर एक बार फिर अपना दावा किया हैं. इसी को लेकर बृहस्पतिवार को चीन ने चोटी का नाम रखने पर नाराजगी जताई है. चीन ने फिर से अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र जांगनान का हिस्सा बताया है.
चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर ही क्यों
राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान (एनआईएमएस) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश की 20,942 फुट अनाम चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की जिस पर अभी तक कोई नहीं चढ़ा था. इसके बाद टीम ने इस चोटी का नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला किया है.
एनआईएमएस रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में स्थित है. चोटी का नाम रखने को लेकर रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखना उनकी बुद्धिमत्ता और उनके योगदान के प्रति एक श्रद्धांजलि है. छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो का जन्म 1682 में मोन तवांग क्षेत्र में हुआ था.
भारत के फैसले को बताया अवैध और अमान्य
मामले को लेकर जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से सवाल किए गए तो उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आपने जो कहा, उसकी मुझे जानकारी नहीं है. मुझे व्यापक रूप से यह कहना चाहिए कि जांगनान का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है, और भारत के लिए चीनी क्षेत्र में तथाकथित अरुणाचल प्रदेश स्थापित करना अवैध और अमान्य है.
चीन और भारत के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर सालों से विवाद चल रहा है. चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है. भारत हमेशा से ही चीन के इन दावों को खारिज करता रहा है, और अरुणाचल प्रदेश को देश का अटूट हिस्सा बताया है.
ये भी पढ़ें-
Indian Embassy China: चीन में रहने वाले भारतीयों को फरमान जारी, जल्द कराओ रजिस्ट्रेशन नहीं तो...
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)