Oil Import from Russia: भारत के रूस से कच्चे तेल का आयात अप्रैल से अब तक 50 गुना से अधिक बढ़ गया है और कुल आयातित तेल में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी हो गई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ये जानकारी दी. यूक्रेन-रूस युद्ध से पहले भारत द्वारा आयात किए जाने वाले तेल में रूस की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 फीसदी थी.


एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अप्रैल में भारत के तेल आयात में रूस की 10 फीसदी हिस्सेदारी है. यह अब शीर्ष 10 आपूर्तिकर्ताओं में से एक है.’’ रूसी तेल का 40 फीसदी निजी कंपनियों - रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी ने खरीदा है.


पिछले महीने भारत के दूसरे सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता के रूप में रूस ने सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया. रूस ने भारत को भारी छूट के साथ कच्चे तेल की पेशकश की है. भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने मई में करीब 2.5 करोड़ बैरल रूसी तेल खरीदा.


इंडियन ऑयल मिनिस्ट्री के पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने देश में फ्यूल की कुल खपत 1.82 करोड़ टन थी. आगे इसमें कमी होने की बजाय बढ़ोतरी ही होनी है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 21.22 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया था. यह आंकड़ा इस साल और बढ़ सकता है. भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम का आयातक (Importer) है. अपनी कच्चे तेल (Crude Oil) की जरूरत का लगभग 85 फीसदी हिस्सा भारत दूसरे देशों से आयात करता है. 



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