नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले से पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. उसने भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ने और भारत के उच्चायुक्त को वापस भेजने का फैसला किया है. साथ ही पाकिस्तान ने आंशिक तौर पर भारत की सीमा से लगे अपने एयरस्पेस को भी बंद कर दिया है. अब पाकिस्तान के ताजा कदमों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.


सूत्रों के मुताबिक भारत ने कहा कि अपनी कमी को छिपाने के लिए पाकिस्तान झूठ नहीं बोले. सूत्रों ने कहा, ''पाकिस्तान अपने देश में आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की बजाय अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए कदम उठा रहा है. भारत सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं उसमें कोई बाहरी एंगल नहीं है. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से निराशा की बू आ रही है.''


पाकिस्तान ने क्या फैसले लिए हैं?


-भारत के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ा.
-भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने का फैसला.
-भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजने का फैसला किया.
-कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की बात कही.
-भारत की सीमा से लगे एयरस्पेस को बंद किया.
- द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का फैसला किया.


इमरान को करनी पड़ी दो-दो बैठकें


पाक प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में शीर्ष सैन्य और असैन्य नेतृत्व भी शरीक हुए. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बैठक बुलाई थी.


पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एनएससी की बैठक के बाद टीवी पर अपने बयान में कहा , "हमारे उच्चायुक्त अब भारत में नहीं रहेंगे और यहां से उनके समकक्षों को भी वापस भेजा जाएगा." भारत के उच्चायुक्त बिसारिया इस्लामाबाद में हैं, जबकि उनके पाकिस्तानी समकक्ष मोइन-उल-हक को नई दिल्ली में अभी कार्यभार संभालना था.


पाकिस्तान को ही होगा नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को निलंबित करने के पाकिस्तान के निर्णय से ज्यादा नुकसान उसी को होगा. उनका कहना है कि इसकी मुख्य वजह यह है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी भारत से कई आवश्यक वस्तुओं का आयात करता है. निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा व्यापार संबंधों को निलंबित करने का बुरा असर पाकिस्तान पर ही होगा. क्योंकि भारत इस मामले में उस पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है जबकि पाकिस्तान की भारत पर निर्भरता अपेक्षाकृत अधिक है.


पाकिस्तान से भारत का आयात इस वर्ष मार्च में घट कर 28.4 करोड़ डॉलर के बराबर रहा जबकि मार्च 2018 में यह आंकड़ा 3.5 करोड़ डॉलर था. इस दौरान भारत का इस पड़ोसी देश को निर्यात भी सालाना आधार पर 32 प्रतिशत घट कर 17.13 करोड़ रहा. लेकिन वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का पाकिस्तान को निर्यात कुल मिला कर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2 अरब डॉलर रहा.


क्यों बौखलाया है पाकिस्तान?
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है. साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया है. यही वजह है कि पाकिस्तान खिसियाया है.


कांग्रेस ने कहा- अदूरदर्शी कदम


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने के पाकिस्तान के फैसले को 'अत्यंत अदूरदर्शी' बताया. खुर्शीद ने कहा, ''इस समय द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है और निर्णय (पाकिस्तान का) बहुत अदूरदर्शी नजर आता है और इससे भारत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.''