India Vs China Population: जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन (China) को पछाड़ दिया है. भारत (India) की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख हो चुकी है, जबकि चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख है. इसी के साथ भारत अब दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. यह जानकारी यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की ओर से जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों से आई है.


जनसंख्या में अपना रिकॉर्ड टूटने पर चीन तिलिमिला गया है. यह रिपोर्ट सामने आने के बाद चीनी सरकार ने भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की है, उसका कहना है कि उनके पास अभी भी 900 मिलियन (90 करोड़) लोगों का गुणवत्ता कार्यबल (क्वालिटी वर्कफोर्स) है, जो विकास में अहम योगदान प्रदान करेगा. रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं आपको बताना चाहता हूं कि जनसंख्या लाभांश मात्रा (क्वानटिटी) पर नहीं बल्कि गुणवत्ता (क्वालिटी) पर भी निर्भर करता है." उन्होंने कहा कि चीन की आबादी अब 1.4 अरब से ज्यादा है, और यहां कामकाजी उम्र के लोग भी 90 करोड़ हैं..इतना बड़ा वर्कफोर्स कहीं और नहीं है.




भारत के पास अब दुनिया में सबसे ज्यादा युवा: रिपोर्ट


इधर, UNFPA की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब भारत की 25% आबादी 0-14 आयु वर्ग की है. यहां पर 10-19 साल तक की आयु के लोग 18% हैं, 10-24 साल तक के लोग 26% हैं, 15-64 साल तक के लोग 68% और 65 से ऊपर के लोग 7% हैं. वहीं, चीन को देखें तो वहां संबंधित आंकड़े 17%, 12%, 18%, 69% और 14% हैं. वहां 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग लगभग 20 करोड़ हो गए हैं.


आखिर आबादी में हमसे कैसे पिछड़ गया चीन?


कुछ दशक पहले चीनी सरकार ने 1 बच्चे वाली नीति लागू कर दी थी, जिसका खामियाजा वहां की सरकार को इस तरह भुगतना पड़ा कि लोगों ने बच्चे पैदा करना छोड़ दिया. अब हाल ये हैं कि चीनी सरकार कहती है कि जो जोड़े 2 या 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे तो उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी. यहां तक कि कई कॉलेजों ने ऐसी घोषणा कर दी कि युवा लड़के-लड़कियां कम से कम 15 दिन के 'स्प्रिंग ब्रेक' पर जाएं ताकि प्यार में पड़ सकें और घर बसाकर बच्चे पैदा कर सकें.


चीन की आबादी भारत से 28.3 करोड़ अधिक थी


यूएन की संस्था के आकलन के मुताबिक, 1950 में भारत की जनसंख्या 86.1 करोड़ थी, जबकि चीन की जनसंख्या 114.4 करोड़ थी. भारत की आबादी 2050 तक बढ़कर 166.8 करोड़ होने की उम्मीद है, जबकि चीन की जनसंख्या घटकर 131.7 करोड़ हो सकती है. यानी अब चीन शायद ही इस मामले में भारत को टक्कर दे पाएगा.


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