इस्लामाबाद: भारत और पकिस्तान के विशेषज्ञ करतारपुर कॉरिडोर के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए रविवार (14 जुलाई) को वाघा सीमा पर बैठक करेंगे. दोनों देशों के बीच इस बैठक में कॉरिडोर से संबंधित कई मसलों पर चर्चा हो सकती है. बता दें कि यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले स्थित डेरा बाबा नानक गुरूद्वारा से जोड़ेगा. इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा फ्री आवाजाही का लाभ मिलेगा.


बता दें कि कॉरिडोर के बन जाने के बाद श्रद्धालुओं को सिर्फ करतारपुर साहिब की यात्रा के लिए परमिट लेना होगा, जिसे सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने साल 1522 में स्थापित किया था. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो जुलाई को कहा कि पाकिस्तान ने कॉरिडोर से संबंधित भारत के साथ दूसरे दौर की बातचीत के लिए 14 जुलाई का प्रस्ताव किया था, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया.


पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा, ‘‘भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाघा में होने वाली वार्ता के लिए पाकिस्तान आएगा.’’


इस ऐतिहासिक कॉरिडोर के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों की पहली बैठक अटारी में मार्च के महीने में हुई थी. तब 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ था. भारत ने गलियारा पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त कमेटी में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था. बता दें कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण पर सहमत हुए थे.


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