5th Gen Fighter Su-57e : भारत और रूस लंबे समय से रक्षा साझेदार है. जिसमें रूस ने मिग और सुखोई लड़ाकू विमानों के सहित कई सैन्य उपकरण शामिल है. वहीं, अब रूस ने भारत के सामने पांचंवी पीढ़ी की Su-57e स्टील्थ फाइटर की पेशकश की है. इसके लिए रूस ने इस फाइटर जेट के साथ हाइपरसोनिक हथियार, एडवांस स्टील्थ फीटर और नए एवियॉनिक्स जैसे कई अपग्रेड शामिल करने की भी पेशकश की है.
इतना ही नहीं, रूस ने भारत से कथित तौर पर विमान की कीमत में कमी करने और भारतीय रुपये में डील का भुगतान स्वीकार करने की भी बात कही है. हालांकि भारत ने रूस की इस पेशकश को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. रूस की कोशिशों को बावजूद भारत सतर्क बना हुआ है.
रूसी फाइटर जेट को लेकर भारत क्यों बना है सतर्क?
उल्लेखनीय है कि रूस के पांचवी पीढ़ी के विमान को लेकर भारत की अपनी चिंताएं हैं. भारत विशेष तौर पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नए इंजन की विश्वसनीयता और इस अधिग्रहण के भारत के अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान कार्यक्रम AMCA पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को लेकर भी सतर्क है. वर्तमान में भारत के पास पांचवीं पीढ़ी का कोई विमान उपलब्ध नहीं है. वहीं, पाकिस्तान और चीन की तेजी से बढ़ती हवाई ताकत को देखते हुए अपनी श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए भारत अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत को पहचानता है.
इसके अलावा IAF में मौजूदा बेड़े का अधिकांश हिस्सा पुराना हो रहा है, जिसका स्थान लेने के लिए भारत को अधिक सक्षम नए विमानों की जरूरत है. इसलिए भारत के AMCA कार्यक्रम को दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है. जबकि वर्तमान सुरक्षा कमियों को दूर करने के लिए अंतरिम उपायों की जरूरत है.
क्या है रूस के Su-57e की ताकत?
रूस अपने Su-57e में नए डिजाइन एयरफ्रेम के साथ स्टील्थ क्षमता में बढ़ोत्तरी का दावा करता है. हालांकि, पांचवीं पीढ़ी के अन्य विमानों की तुलना में इसके रडार क्रॉस-सेक्शन को लेकर संदेश बना हुआ है. इस रूसी फाइटर विमान AESA रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली के साथ एडवांस एवियॉनिक्स से लैस है. इसके अलावा Su-57e की सुपरक्रूज क्षमता और थ्रस्ट वेक्टरिंग में बढ़ोत्तरी का वादा किया गया है.
यह भी पढ़ेंः India-Russia Relations: सुखोई जेट, T-90 टैंक, S-400 मिसाइल... रूस से अटकी इन हथियारों की डिलीवरी, भारत की बढ़ी टेंशन