भारत ने नेपाल को भेजी राहत सामग्री की चौथी खेप, लोगों की सहायता को मानवीय प्रयास जारी
Nepal Relief Items: भारत ने नेपाल के भूंकप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राहत सामग्री की चौथी खेप भेजी है. अब तक 'पडोसी पहले नीति' के तहत 34 टन से ज्यादा आपातकालीन सामग्री भेजी जा चुकी है.
Nepal Earthquake Relief Items: नेपाल के सुदूर पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र में गत 3 नवंबर को आए विनाशकारी भूकंप के बाद से भारत पड़ोसी देश को लगातार राहत सामग्री भेज रहा है. भारत की तरफ से 3 सप्ताह बाद मंगलवार (21 नवंबर) को भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए नेपाल को आपात चिकित्सा सहायता एवं उपकरणों की चौथी खेप मिली है. इस बात की जानकारी खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर शेयर की गई है.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ''भूकंप प्रभावित परिवारों के लिए महत्वपूर्ण दवाइयों और उपकरणों समेत राहत सहायता की चौथी खेप नेपाल पहुंच गयी. नेपाल में लोगों की सहायता के लिए भारत के मानवीय प्रयास जारी हैं.''
भूकंप में करीब 8,000 सरकारी व निजी मकान क्षतिग्रस्त
उन्होंने इस पोस्ट के साथ ही नेपाल अधिकारियों को सौंपी जा रही राहत सामग्री की तस्वीर भी साझा की. जाजरकोट जिले में जबर्दस्त ठंड के चलते पिछले सप्ताह दो महिलाओं समेत 5 बुजुर्गों की जान चली गयी, जो अस्थायी तंबुओं में ठहरे हुए थे. उसी के बाद सहायता की यह चौथी खेप भेजी गयी है. इन लोगों के घर विनाशकारी भूकंप के कारण रहने योग्य नहीं रह गये हैं. भूकंप में करीब 8,000 सरकारी और निजी मकान क्षतिग्रस्त हो गये.
Fourth tranche of relief support comprising vital medicines & equipment for the earthquake affected families reaches Nepal.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 21, 2023
India's humanitarian efforts continue to support people in Nepal. pic.twitter.com/aK7HXfCBWG
भूकंप में चली गई थी 150 से ज्यादा लोगों की जान
बता दें कि इस विनाशकारी भूकंप की वजह से 150 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी. वहीं करीब 260 से अधिक लोग घायल हो गये थे. इस भूकंप में नेपाल में सबसे अधिक जान-माल को नुकसान पहुंचा है. नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिलों में इसकी तीव्रता 6.4 आंकी गई थी. यह अप्रैल, 2015 में आए भूकंप से ज्यादा विनाशकारी साबित हुआ है. 3 नवंबर के बाद 7 नवंबर को भी 4 रिएक्टर स्केल पर एक और भूकंप आया था जिसमें कम से कम 16 लोग घायल हो गये थे.
भारत ने 'मानवीय सहायता' के तौर पर नियमित सहायता भेजी
भारत अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए पहले दिन से ही लगातार सहयोग करने की मुहिम में जुटा हुआ है. जरूरत की घड़ी में नेपाल के लोगों की सबसे पहले मदद करने वाले के रूप में भारत ने 'मानवीय सहायता' के तौर पर नियमित सहायता भेजी है.
5 नवंबर को भेजी थी भारत ने 11 टन की पहली खेप
इस बीच देखा जाए तो भारत की तरफ से 11 टन से अधिक की पहली खेप भूकंप के दो बाद 5 नवंबर को भेजी गई थी जिसमें आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के साथ टेंट, तिरपाल चादरें, कंबल और स्लीपिंग बैग आदि शामिल थे. इसके बाद अगले दिन 6 नवंबर को दूसरी खेप में 9 टन राहत सामग्री भेजी गई जिसमें आवश्यक चिकित्सा और स्वच्छता आपूर्ति, तंबू, स्लीपिंग बैग और कंबल विशेष रूप से शामिल थे. पड़ोसी देश नेपाल को लगातार भेजी जा रही सहायता की तीसरी खेप को 9 नवंबर को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की विशेष उड़ान सी-130 के जरिये भेजा गया था. इसमें भी प्रभावित लोगों को सभी जरूरी आवश्यक चीजों को पहुंचाया गया था.
अब तक 34 टन से ज्यादा की आपातकालीन सामग्री भेजी
नेपाल में प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए भारत की ओर से 'पडोसी पहले नीति' के तहत अब तक 34 टन से ज्यादा की आपातकालीन सामग्री को भेजा है. ये प्रयास संकट के समय में अपने पड़ोसी की सहायता करने के लिए भारत की त्वरित प्रतिक्रिया और प्रतिबद्धता को उजागर करता है.
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