अमेरिका ने कहा- ग्लोबल सप्लाई चैन में अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान दे भारत
अमेरिका ने कहा- डेटा स्थानीयकरण, बौद्धिक संपदा अधिकार, उच्च शुल्क, नकल सुरक्षा, मूल्य नियंत्रण और बीमा जैसे क्षेत्रों में एफटीआई प्रतिबंध जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है.
वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत से ऐसा माहौल बनाने का आग्रह किया है, जो ग्लोबल सप्लाई चैन में उसकी स्थिति को मजबूत करे. अमेरिका ने साथ ही कहा कि भारत कारोबारी सुगमता के बावजूद बाजार पहुंच के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहा है. अमेरिकी के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए उप वाणिज्य मंत्री जोसेफ सेमसर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते संघर्षशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि भारत ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के साथ एक कार्यक्रम शुरु किया है, जो आत्मनिर्भरता की धारणा पर सवालिया निशान लगाता है. अमेरिका-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा, ‘‘हमारा मानना है कि एकाकी नीतियों के कारण व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं के बीच आदान-प्रदान में कमी हो सकती है.’’
कई मुद्दों पर भारत को काम करने की जरूरत उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसलिए भारत सरकार से हमारी अपील है कि ऐसा माहौल बनाने में ध्यान केंद्रित करें, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की मजबूत करे.’’ उन्होंने महिंद्रा समूह के उप प्रबंध निदेशक और समूह सीएफओ अनीश शाह के एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
सेमसर ने कहा कि भारत ने कारोबारी सुगमता सूचकांक में सुधार किया है, लेकिन बाजार पहुंच के मोर्चे पर चुनौतियां बरकरार हैं. डेटा स्थानीयकरण, बौद्धिक संपदा अधिकार, उच्च शुल्क, नकल सुरक्षा, मूल्य नियंत्रण और बीमा जैसे क्षेत्रों में एफटीआई प्रतिबंध जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है. ये ऐसी चुनौतियां हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका को मिलकर काम करना होगा.
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