Russia-Ukraine War: भारत ने यूक्रेन पर होने वाले दूसरे शांति शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा की ओर से आयोजित की गई दो प्रारंभिक बैठकों से दूर रहने का विकल्प का चुना है. इन बैठकों में इस हफ्ते कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक भी होनी है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से जुड़े अधिकारियों ने ये जानकारी साझा की.


एनएसए की बैठक शुक्रवार (25 अक्टूबर) को टोरंटो में निर्धारित की गई थी. वहीं, कैदियों और निष्कासित निर्वासित नागरिकों की वापसी पर विदेश मंत्रियों की एक सम्मेलन 30-31 अक्टूबर को कनाडा और नॉर्वे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है.


रूस की मौजूदगी के बिना बैठकों में भागदारी सार्थक नहीं : भारत


दिल्ली के इस फैसले के पीछे कारण खालिस्तान सर्मथक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद की अटकलों से लगाई जा रही है. हालांकि, भारतीय पक्ष ने यूक्रेन को यह पहले ही बता दिया था कि रूस की मौजूदगी के बिना इन प्रारंभिक बैठकों में भागीदारी नहीं होगी.


भारत-कनाडा के संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर


भारत और कनाडा के संबंधों को लेकर कहा जा रहा है कि भारत-कनाडा के बीच के संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं. हाल ही में दोनों देशों ने छह-छह राजनायिकों को अपने-अपने देश से निष्कासित कर दिया है. इसीलिए यह संभावना जताई जा रही है कि भारत के एनएसए या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के किसी अधिकारी ने टोरंटो में भाग क्यों नहीं लिया. हालांकि भारतीय अधिकारियों की तरफ इस बात पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है.


पिछले साल शुरू हुआ था यह विवाद


भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में दरारें तब आने लगी, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत और भारतीय सरकारी एजेंटों पर लगाया था. इसके बाद उन्होंने इसमें भारतीय उच्चायुक्त का नाम जोड़ दिया. जिसके बाद यह मामला और भी बिगड़ता चला गया.


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