India Sri Lanka Relations: साल 2022 में श्रीलंका के हालात बेहद खराब थे. हाल यह था कि चीन के कर्ज तले दबे श्रीलंका लगभग भुखमरी के कगार पर पहुंच गया था. मुसीबत की इस घड़ी में भारत से उसे भरपूर साथ मिला. अब जब श्रीलंका की एक बार फिर से स्थिति सही होने लगी तो वह भारत के एहसानों को भूलकर चीन के करीब जाने लगा. श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने चीन के दौरे पर हैं. वहां उन्होंने बुधवार को कहा था- चीन ने हमसे वादा किया है कि वह रणनीतिक गहरे बंदरगाह और राजधानी स्थित हवाई अड्डे को विकसित करेगा.


श्रीलंका पहले ही हंबनटोटा पोर्ट को चीन के साथ एक समझौते के तहत लीज पर दे चुका है. श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का कहना है कि चीन के साथ बाहरी ऋण पुनर्गठन पर हमारी बात हुई है. वहीं, श्रीलंकाई अधिकारियों के मुताबिक चीन दिए गए कर्जों में कटौती करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, वह समयसीमा और ब्याज दरों को ऊपर नीचे करने को तैयार है.


2022 में कंगाल हो गया था श्रीलंका 


साल 2022 में श्रीलंका की स्थिति बेहद खराब थी. हाल यह था कि वह आर्थिक स्थिति के साथ राजनीतिक संकट से भी गुजर रहा था. इस दौरान उसे चीन से भारी मात्रा में कर्ज लेना पड़ा. चीनी सरकार ने 2022 में 500 मिलियन युआन यानी 69 मिलियन डॉलर कर्ज दिए थे. आपातकालीन स्थिति में चीन की तरफ से उस दौरान श्रीलंका को सबसे बड़ी वित्तीय सहायता राशि मिली थी. 


हंबनटोटा बंदरगाह को चीन ने लीज पर लिया


हंबनटोटा बंदरगाह को श्रीलंका ने 1.12 अरब अमेरिकी डॉलर में करीब 99 साल के लिए एक चीनी कंपनी को सौंप दिया है. हालांकि, श्रीलंका के इस फैसले से भारत की मुसीबतें काफी बढ़ गई हैं. श्रीलंका हमेशा कहता रहा है कि उसके बंदरगाहों का इस्तेमाल किसी सैन्य कार्यवाई के लिए नहीं दिया गया है लेकिन कई बार वहां चीनी जासूसी जहाजों को देखा गया है.


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