नई दिल्ली: इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी पीड़ितों की सहायता के लिए भारत ने व्यापक अभियान शुरू करते हुए दो विमान और नौसेना के तीन पोत भेजे हैं जिनमें राहत सामग्री लदी है. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच एक अक्टूबर को टेलीफोन पर हुई बातचीत तथा इंडोनेशिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहायता स्वीकार किए जाने के बाद भारत ने ऑपरेशन ‘समुद्र मैत्री’ शुरू किया.


वायुसेना के दो विमान बुधवार की सुबह चिकित्साकर्मियों और राहत सामग्री के साथ इंडोनेशिया रवाना हुए. इन विमानों में सी-130 जे और सी-17 शामिल हैं. सी-130 जे विमान से तंबुओं और उपकरणों के साथ एक मेडिकल टीम भेजी गयी है. इन उपकरणों की मदद से अस्थायी अस्पताल भी बनाए जा सकते हैं. सी-17 विमान से तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए दवाएं, जेनरेटर, तंबू और पानी आदि सामग्री भेजी गई है.





विमान राहत सामग्री के साथ बुधवार की शाम इंडोनेशिया पहुंच गये. मंत्रालय ने बताया कि नौसेना के तीन पोतों - आईएनएस तीर, आईएनएस सुजाता और आईएनएस शार्दुल - के छह अक्टूबर को इंडोनेशियाई द्वीप सुलावेसी पहुंचने की संभावना है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया में शुक्रवार को 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था जिससे सुनामी पैदा हुयी थी. भूकंप और सुनामी के कारण वहां भारी तबाही हुयी है.


1,234 लोगों की मौत
इंडोनेशिया सरकार ने बीते मंगलवार को बताया कि सुलावेसी द्वीप पर आये भूकंप तथा उसके बाद उठी सुनामी में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 1,234 हो गयी है. पहले यह संख्या 844 बताई गई थी. राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नगरोहो ने बताया, ‘‘मंगलवार दोपहर एक बजे तक 1,234 लोग मारे गये हैं.’’


इस बीच मंगलवार को इंडोनेशियाई पुलिस ने बताया कि उन्होंने भूकंप और सुनामी प्रभावित सुलावेसी द्वीप पर लूटपाट करने वाले दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है. यहां पर जीवित बचे लोगों ने पानी, खाना और अन्य चीजों के लिए दुकानों में लूटपाट की है.


उप राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख आरी डोनो सुकमांटो ने बताया, ‘‘पहले और दूसरे दिन कोई दुकान नहीं खुली. लोग भूखे थे. लोगों को सामान की सख्त जरूरत थी. यह एक समस्या नहीं है.’’ अब तक ज़्यादातर मौतें पालू शहर में दर्ज की गई. 28 अक्टूबर को यहां 1.5 मीटर ऊंची लहरें उठी थी और पानी द्वीप के भीतर घुस आया था. पालू के उत्तर में स्थित डोंग्गला क्षेत्र में 11 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है.


इस बीच, भूकंप-सुनामी से सबसे अधिक प्रभावित पालू शहर में राहत एवं बचाव कर्मियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस आपदा में जीवित बचे लोग मृतकों के शव बरामद करने में अधिकारियों की मदद कर रहे हैं. इंडोनेशिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ‘अंतारा’ ने राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रमुख के हवाले से पालू में मारे गए लोगों का ताजा आंकड़ा बताया.


7.5 तीव्रता वाल भूकंप-सुनामी ने मचाई तबाही
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 7.5 तीव्रता के भूकंप और सुनामी में पांच-पांच फुट ऊंची उठी लहरों की चपेट में आए हताहतों की संख्या ‘बढ़ रही है’, क्योंकि अब सुदूर इलाकों से नुकसान की सूचनाएं मिल रही हैं. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुए हैं. अस्पतालों को बड़ी संख्या में भर्ती किए जा रहे घायलों के इलाज में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.


इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि क्षेत्र में सेना को बुलाया गया है ताकि वो पीड़ितों तक पहुंचने और शवों को तलाशने में खोज और बचाव टीमों की मदद कर सके. कुछ सरकारी विमान राहत सामग्री लेकर पालू के प्रमुख हवाई अड्डे तक पहुंचे हैं. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह हवाई अड्डा वाणिज्यिक उड़ानों के लिए बंद रहेगा.


जश्न की तैयारी में जुटे लोग लापता
बीते शुक्रवार की शाम को समुद्र तट पर जश्न की तैयारी में जुटे लोग लापता बताए जा रहे हैं. उनके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिलने से चिंता की स्थिति बनी हुई है. यह जानकारी आपदा एजेंसी ने दी. करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाले पालू में शुक्रवार को सुनामी की चपेट में आने से मारे गए लोगों के शव समुद्र तट पर नजर आ रहे हैं.


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