(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
United Nations बिल्डिंग के सामने लहराया गया देश विरोधी पोस्टर, भारत ने स्विटजरलैंड के राजदूत को किया तलब
UN Geneva News: स्विटजरलैंड में संयुक्त राष्ट्र की कई शाखाओं के कार्यालय हैं. यहीं के जिनेवा शहर में विश्व व्यापार संगठन का भी दफ्तर है. यहां भारत विरोधी पोस्टर दिखाए गए थे.
India Switzerland Relations: यूरोपीय देश स्विटजरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की इमारत के सामने भारत विरोधी पोस्टर्स लहराने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐतराज जताया. इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से स्विस राजदूत को तलब किया गया. राजदूत के सामने विरोध दर्ज कराया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार (5 मार्च) को स्विस राजदूत ने विदेश मंत्रालय से कहा कि वह भारत की चिंताओं को पूरी गंभीरता के साथ बर्न (Bern) तक पहुंचाएंगे. बर्न स्विट्ज़रलैंड की राजधानी है. स्विट्ज़रलैंड में ही संयुक्त राष्ट्र के कई कार्यालय हैं. इनमें से जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के सामने भारत विरोधी पोस्टर नजर आए थे. इसका वहां मौजूद भारतीय समुदाय ने विरोध किया. उसके बाद रविवार को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी स्विस राजदूत को इस मामले में तलब किया.
'किसी तरह के दावों का समर्थन नहीं करते'
सूत्रों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के राजदूत ने नई दिल्ली में कहा कि जिनेवा में (UNHRC मुख्यालय के पास) जहां देश विरोधी पोस्टर्स लगाए जाने का मामला सामने आया है, असल में ऐसी जगह है जो सबके लिए प्रदान की गई है, लेकिन वे (स्विस सरकार) किसी भी तरह से दावों का समर्थन नहीं करते हैं और न ही स्विस सरकार की स्थिति को दर्शाते हैं.
जिनेवा में हैं यूएन के ये मुख्यालय
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
- रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति
- विश्व व्यापार संगठन
- विश्व आर्थिक मंच
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)
- अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन
- अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU)
- यूएन एड्स (UN aids)
- शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR)
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNDRR)
- मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR)
- व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD)
यह भी पढ़ें: भारत ने खाद्य सुरक्षा पर विकसित देशों की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, कोरोना प्रबंधन पर भी जताई नाराजगी