नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर 63.45 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 2.3 प्रतिशत है.


इस बीच देश में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 24 घंटे की अवधि में 34,602  के रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी. मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 8,17,208  हो गयी है.


मौतों का आंकड़ा 30 हजार पार


मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा गया कि संक्रमण से मृत्यु की दर कम होकर 2.38  प्रतिशत हो गयी है. आंकड़ों के अनुसार भारत में एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक 49,390 मामले दर्ज किये गये और संक्रमण के मामले बढ़कर 12,87,945 हो गए. वहीं, संक्रमण से मौत के 740 नये मामले सामने आने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 30,601 हो गयी है.


हर्षवर्धन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की डिजिटल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रति दस लाख आबादी पर 864 मामले सामने आने और 21 से कम मरीजों की मृत्यु के साथ भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है.


 पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से बढ़ी इम्युनिटी


 हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार कोरोना वायरस महामारी के दौरान आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एससीओ के भीतर कोई संस्थागत तंत्र नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने की क्षमता रखता हो.


हर्षवर्धन ने महामारियों से निपटने में सहयोग पर 2018 में किंगदाओ शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित संयुक्त वक्तव्य के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी जोर दिया.उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के स्वास्थ्य मंत्रियों की मौजूदा संस्थागत बैठकों के तहत पारंपरिक चिकित्सा पर एक नए उप समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा.


स्वास्थ्य मंत्री ने  कोविड-19 की चपेट में आने की वजह से दुनिया भर में हुई मौतों पर अपनी संवेदना व्यक्त की. इस महामारी को काबू करने के लिए भारत की राजनीतिक प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी की है और जानलेवा वायरस को फैलने से रोकने के लिए सक्रिय और क्रमिक प्रतिक्रिया सुनिश्चित की.


वायरस से निपटने के लिए उठाए कई कदम


हर्षवर्धन ने इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि घातक वायरस पर काबू पाने के लिए क्रमबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की गई जिसमें यात्रा परामर्श जारी करना, शहर या राज्यों में प्रवेश के स्थानों की निगरानी, समुदाय आधारित निगरानी, प्रयोगशाला तथा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना आदि शामिल था।


उन्होंने कहा कि लगातार लॉकडाउन के दौरान भारत को तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने, प्रयोगशालाओं की क्षमता और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए आवश्यक समय और अवसर भी मिला.


10 लाख की आबादी पर 11 हजार जांच


 स्वास्थय मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या के लगातार बढ़ने के मद्देनजर संक्रमण से उबर चुके लोगों की संख्या उपचार करा रहे रोगियों की संख्या से 3,77,073 अधिक हो गयी है.देश में 23 जुलाई तक कुल 1,54,28,170  नमूनों की जांच की जा चुकी है. गुरुवार को 3,52,801 नमूनों की जांच की गयी. मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस लिहाज से भारत में प्रति दस लाख लोगों पर 11,179.83 जांच हो रही हैं और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है.’’


यह भी पढ़ें-


राहुल गांधी का BJP पर बड़ा हमला, बोले- सरकारें जनता के बहुमत से बनती हैं, राज्यपाल को सत्र बुलाना चाहिए


भारत-चीन विवाद: सैन्य कमांडरों की फिर होगी बैठक, भारत ने कहा- सीमा पर जल्द लागू हो तनाव घटाने की कवायद