Pakistan React On Upi : भारत के यूपीआई का विदेशों में भी डंका बज रहा है. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. अब इसको लेकर कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान में भी आवाज उठने लगी है. पाकिस्तान में इस समय डिजिटल ट्रांजैक्शन का कोई माध्यम नहीं है, ऐसे में वहां की जनता में भी भारत की तरह व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है. इसको लेकर पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने लोगों से बातचीत की तो वे भड़क गए. ख्वाजा जमशेद ने कहा, डिजिटल ट्रांजैक्शन में चाइना पहले नंबर पर है और इंडिया दूसरे नंबर पर. पाकिस्तान तो खैर तीसरे नंबर पर भी नहीं है, क्योंकि नाम ही आपने तीन लिए हैं. अगर रेस में तीसरा गधा होगा तो तीसरे नंबर पर गधा ही आएगा. उन्होंने कहा, डिजिटल ट्रांजैक्शन का ताल्लुक इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी से है और पाकिस्तान में इसे कोई जानता ही नहीं है. हमने वो ब्रेन ही पैदा नहीं किए, जो ये काम कर सक, क्योंकि हमारे यहां एजुकेशन सिस्टम ही नहीं है. एजुकेशन अच्छी होगी तो आईटी में हम लोग भी काम कर पाएंगे. पाकिस्तानियों के लिए एजुकेशन ऑक्सीजन से भी ज्यादा जरूरी है. यहां जो मदरसों में पढ़ाया जा रहा है, मुझे बताइए कि ये कौन सी एजुकेशन है, जो बच्चों को दी जा रही है. क्या यह एजुकेशन कल जाके आईटी से जुड़ेगी. क्या यह बैंकिंग में काम आएगी या हमारी डिजिटल मार्केटिंग में काम आएगी.


'स्कूलों में जो तालीम करेगा वो काफिर हो जाएगा'
ख्वाजा जमशेद ने ये भी कहा कि यहां जो बड़े स्कूल खुले भी हैं, अगर उनमें कोई पढ़ाई करने जाए तो  उन्हें काफिर बता दिया जाता है. अभी तक इनका कुफर ही खत्म नहीं हो रहा. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चे को एजुकेट कैसे करेंगे. इंडिया का संविधान 1950 में बन गया था, उन्होंने तय कर लिया था कि हमें क्या करना है. पाकिस्तान में कुछ तय नहीं है. यहां के वैज्ञानिक तो यह तक कह देते हैं कि मैं जिनो के जरिए बिजली पैदा कर सकता हूं. वहीं, इंडिया के डिजिटल ट्रांजेक्शन की बात है तो उसमें उसके मजदूरों का भी योगदान है. इंडिया के अंदर जो ट्रांजेक्शन आ रही है, वो वहां की लेबर भेज रही है. पाकिस्तान के अंदर आपका मजदूर जो है वो शायद अब श्रीलंका भी नहीं जा सकता, हमारे पासपोर्ट की यह वैल्यू हो गई है. हमारा मजदूर इंग्लैंड, अमेरिका तक नहीं जा सकता. गल्फ जैसे इस्लामिक देशों में भी दिक्कत होती है. 


10 से 15 साल बाद हम भी डिजिटलाइज हो जाएंगे
वहीं, दूसरे शख्स खुरम खान ने कहा कि इंडिया ने जो यह अचीवमेंट हासिल किया है. यह एक दिन में नहीं मिला है, इसके लिए वह 15 से 20 साल से काम कर रहा था. आईटी में इंडिया बहुत अच्छे तरीके से इंप्रूवमेंट कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अब भी शुरू करे तो 10 से 15 साल बाद हम भी डिजिटलाइज हो जाएंगे. इसके लिए एजुकेशन बड़ी मैटर करती है. कोरोना के बाद से हम अभी तक उभर नहीं पाए हैं. जब तक हमारा सिस्टम नहीं ना बनेगा हम भी उन चीजों प फोकस नहीं कर सकेंगे. इस पर थोड़ा बहुत पाकिस्तान में काम चल रहा है, लेकिन इसमें काफी टाइम लग जाएगा. बातचीत के दौरान एक जूस वाला आ जाता है, यूट्यूबर उससे पूछता है कि अगर मैं आपसे कुछ खरीदूं और ऑनलाइन पेमेंट दूं तो तुम्हारे पास कोई ऐसी व्यवस्था है, तो उसने मना कर दिया.