India-US Relations: अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि वाशिंगटन रक्षा जरूरतों के लिए भारत की रूस पर निर्भरता को हतोत्साहित करता है. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा, ‘‘हम भारत समेत अन्य देशों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं. हम नहीं चाहते कि ये देश रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहें. हम ईमानदारी से इसका विरोध करते हैं.’’


प्रेस सचिव ने कहा कि इसके साथ ही भारत के साथ रक्षा साझेदारी को भी अमेरिका महत्व देता है. उन्होंने कहा कि हम साथ-साथ आगे बढ़ने के उपाय तलाश रहे हैं. किर्बी ने कहा, ‘‘भारत क्षेत्र का एक सुरक्षा प्रदाता है और इस बात को हम महत्व देते हैं. ’’


बता दें कुछ दिन पहले ही अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा था कि अमेरिका चाहेगा कि भारत गुटनिरपेक्ष समूह में शामिल रहे देशों के संगठन जी-77 के तहत रूस के साथ अपने संबंधों और साझेदारी को घटाये और गुटनिरपेक्षता का सिद्धांत छोड़ दे. शर्मन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के समक्ष यह बात कही और साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है.


'अमेरिका के साथ भारत के संबंध असल में आगे बढ़े हैं'
इस बीच भारत-अमेरिका संबंधों पर बोलते हुए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसी समझ बनी है कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध असल में आगे बढ़े हैं. यह मजबूत हुए हैं. इस पर कोई भी सवाल नहीं उठा सकता. लेकिन यह समझ भी है कि न केवल रक्षा उपकरणों के लिए रूस पर पुरानी निर्भरता है, बल्कि भारत के उसके साथ कई दशकों के संबंधों में विरासत के मुद्दे भी हैं.’’


सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में हिस्सा लेने यहां आई थीं. इस दौरान उन्होंने कई द्विपक्षीय बैठकें कीं और कई बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया. उन्होंने बाइडन प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की.


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