संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच "गहरे शैक्षणिक" संबंधों पर प्रकाश डालते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार (स्थानीय समय) को कहा कि 21वीं सदी की समस्याओं के समाधान के लिए साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है. भारत-अमेरिका शिक्षा सहयोग के लिए हावर्ड विश्वविद्यालय में बोलते हुए ब्लिंकन ने कहा कि कम से कम 200,000 भारतीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं.
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए कहा, "मुझे विश्वास है, अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की समस्याओं के समाधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण, आवश्यक है और आपका काम उस रिश्ते के केंद्र में है." अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हॉवर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और नेतृत्व के साथ बातचीत में भी भाग लिया.
ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों, विद्वानों और शोधकर्ताओं के साथ बातचीत की, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में काम किया है. इसके साथ ही, अमेरिकी छात्रों, विद्वानों और शोधकर्ताओं से भी बातचीत की, जिन्होंने भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान में अध्ययन किया है, काम किया है या शोध किया है.
ब्लिंकन ने कहा, "हम अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली हैं कि अमेरिका में 200,000 भारतीय छात्र हमारे विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं, जो हमारे परिसरों और साथी नागरिकों को समृद्ध कर रहे हैं और हम देखते हैं कि कई अमेरिकी छात्र फुलब्राइट या गिलमैन फेलोशिप जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में पढ़ रहे हैं और काम कर रहे हैं."
गौरतलब है कि एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. बाइडन प्रशासन के तहत दोनों देशों के बीच यह पहली 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता है. वार्ता की मेजबानी विदेश मंत्री ब्लिंकन और रक्षा मंत्री ऑस्टिन लॉयड कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-