भारत के सहारे मुइज्जू चला रहे सत्ता और पीठ पीछे कर रहे साजिश, विदेश मंत्रालय से मिली चेतावनी!
Maldives Agreement with China : मालदीव ने 2018 में चीन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके अलावा नवंबर 2024 में ही तुर्की के साथ भी इसी तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

Maldives President Mohamed Muizzu : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एक ओर जहां कंगाल देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए भारत से आर्थिक मदद ले रहे है. वहीं, दूसरी ओर भारत के विरोधियों के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ाने में लगे हैं. अपनी चीन परस्त और इस्लामवादी नीतियों के कारण मुइज्जू पहले से ही संकटों में घिरे मालदीव की अर्थव्यवस्था के लिए खतरों को और बढ़ा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मालदीव ने चीन और तुर्किए जैसे देशों के साथ मुक्त या तरजीही व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इन समझौतों के कारण मालदीव के राजस्व को भारी नुकसान होगा. साथ ही इसके दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ेगा.
मालदीव पर सख्त हुआ भारत
वहीं, अब भारत मालदीव के विदेशी सरकारों के साथ ऐसे समझौतों को लेकर सख्त हो गया है. भारत ने मालदीव को ऐसे समझौतों के खिलाफ चेतावनी भी दी है. हालांकि, नई दिल्ली ने बिना नाम लिए ये साफ कह दिया भारत अपनी नीतियों को तैयार करते समय इन समझौतों को जरूर ध्यान में रखेगा.
बता दें कि पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति के तौर पर भारत में अपनी पहली यात्री की थी. इस यात्रा के बाद मुइज्जू ने 40 करोड़ डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनियम समझौते के अलावा 30 अरब रुपये के समर्थन के लिए भी भारत को धन्यवाद दिया था.
मालदीव को भारत की ओर से चेतावनी
भारत से समर्थन मिलने के बावजूद नई दिल्ली से अपने देश लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति एक बार फिर से भारत के विरोधियों को अपने गले से लगा रहे हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम मालदीव के अधिकारियों के साथ उनके सामने आने वाली स्थिति को लेकर लगातार संपर्क में हैं. हाल ही में हुए समझौतों से मालदीव सरकार को राजस्व में भारी नुकसान होने की संभावना है, जो एक बड़ी चिंता का विषय है. यह द्वीप देश के दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता के लिए अच्छा संकेत नहीं है.”
मुइज्जू को भारत का सीधा संदेश
रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम अपनी नीतियों को तैयार करते समय निश्चित रूप से इसे ध्यान में रखेंगे.” बता दें कि मालदीव ने साल 2018 में चीन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जो इसी साल से यानी 1 जनवरी, 2025 से लागू हो गया है. इसके अलावा मालदीव ने नवंबर 2024 में ही तुर्की के साथ भी इसी तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
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