जेनेवा: खुले में शौच की समस्या से निपटने में करीब 90 देशों की प्रगति बेहद धीमी है, जबकि भारत ने इस चुनौती से निपटने के अपने प्रयास को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में सोमवार को यह बातें कही गई.
स्वच्छता और स्वास्थ्य पर पहले वैश्विक दिशा-निर्देश को जारी करते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2030 तक दुनिया सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगी, जहां दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच बुनियादी शौचालय तक हो, जो मल-मूत्र को सुरक्षित ढंग से निष्पादित कर सकें. यह तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक कि इससे जूझ रहे देश व्यापक नीति नहीं बनाते हैं और इसमें निवेश नहीं बढ़ाते हैं.
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तहत लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मूलभूत स्वच्छता की सुविधा तेजी से पहुंचाई जा रही है. दुनिया भर में 2.3 अरब लोग शौचालय की बुनियादी स्वच्छता की सुविधा से वंचित हैं और इसमें से करीब आधे लोगों को खुले में शौच करना पड़ता है.
आपको बता दें कि इस सरकार का स्वच्छ भारत अभियान गांधी जी के आदर्शों पर ही टिका हुआ है. इसी सिलसिले में देशभर में चल रहे 'अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन' का समापन आज दिल्ली में बापू के समाधि स्थल राजघाट पर होगा. इस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस समेत कई मंत्री हिस्सा लेंगे. इस कार्यक्रम के अलावा प्रधानमंत्री मोदी गांधी स्मृति और दर्शन समिति में आयोजित सर्व धर्म के कार्यक्रम में शामिल होंगे. गांधी जयंती पर देश भर स्वच्छता मिशन चलाया जा रहा है. आपको बता दें कि आज गांधी जी की 149वीं जयंती है.
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