बड़ी ख़बर: अमेरिका-चीन "युद्ध" से भारत को हो रहा है फायदा
अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत ट्रंप ने इसे ठीक करने का फैसला लिया. ये उनके चुनावी कैंपेन का भी हिस्सा था. ट्रंप ने इसकी शुरुआत चीन से की जिसके कई उत्पादों पर उन्होंने भारी शुल्क लगा दिया जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं.
जेनेवा: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका और शी जिनपिंग के चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध हर बीतते दिन के साथ बदतर होता जा रहा है. इससे दुनिया के पहले और दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा असर पड़ रहा है. लेकिन इसका हिस्सा नहीं होने के बावजूद दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के लिए बड़ी ख़बर सामने आई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सैम अंकल यानी अमेरिका और ड्रैगन यानी चीन के बीच चल रहे इस युद्ध का सीधा फायदा भारत को होगा.
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा क्योंकि इससे देश के निर्यात में 3.5 फीसदी की तेजी आएगी. वहीं, सबसे अधिक फायदा यूरोपीय यूनियन को होगा जिसके पास 70 अरब डॉलर के कारोबार के आने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र के एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
यूएन कॉन्फ्रेस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी ) ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया कि वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध (एक दूसरे के सामानों पर शुल्क लगाना) का फायदा कई देशों को होगा जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फिलीपींस, पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं.
इस रिपोर्ट का टाइटल 'द ट्रेड वार्स: द पेन एंड द गेन' है. इसमें कहा गया है, "द्विपक्षीय टैरिफ उन देशों में काम कर रही कंपनियों के लाभ के लिए वैश्विक कॉम्पटीशन को बदल देते हैं जो उनसे सीधे प्रभावित नहीं होते हैं." इसमें कहा गया कि यूरोपीय निर्यात को 70 अरब डॉलर का फायदा होगा जबकि जापान, कनाडा और मैक्सिको के निर्यात में प्रत्येक को 20-20 अरब डॉलर का फायदा होगा.
यूएनसीटीएडी की रिपोर्ट में कहा गया है, "अमेरिका-चीन तनाव से उन देशों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है, जो अधिक प्रतिस्पर्धी हैं. अमेरिकी और चीनी कंपनियों का जगह लेने की आर्थिक क्षमता रखते हैं." यूएनसीटीएडी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रमुख पामेला कोक-हैमिल्टन ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "इसका बड़े पैमाने पर असर होगा और समूची अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली पर इसका नकारात्मक असर होगा."
ट्रंप ने दुनिया के साथ छेड़ा है व्यापार युद्ध आपको बता दें कि दुनिया के बड़े देशों के बीच ट्रेड वॉर यानी व्यापारिक युद्ध छिड़ा हुआ है. दरअसल ये हालात इसलिए पैदा हुए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा लगता है कि दुनिया के बड़े देश व्यापार के मामले में अमेरिका के साथ गलत कर रहे हैं.
चीन पर पड़ी है सबसे बड़ी मार अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत ट्रंप ने इसे ठीक करने का फैसला लिया. ये उनके चुनावी कैंपेन का भी हिस्सा था. ट्रंप ने इसकी शुरुआत चीन से की जिसके कई उत्पादों पर उन्होंने भारी शुल्क लगा दिया जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं. अमेरिका अब तक चीन पर ख़रबों डॉलर का शुल्क लगा चुका है जिसका जवाब चीन ने ऐसे ही शुल्क लगाकर दिए हैं.
ट्रंप का ये ट्रेड वॉर अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंदी चीन तक ही नहीं रुका बल्कि G7 के दौरान इसने कनाडा और यूरोप जैसे अमेरिका के मित्र देशों को भी अपना शिकार बनाया. भारत के खिलाफ अमेरिका पिछले साल मार्च महीने से लेकर अब तक कई बड़े कदम उठा चुका है, इसी के जावब में भारत ने भी अमेरिका पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया था.
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