India-Israel Relations: रक्षा सूत्रों के हवाले से द हिंदू की रिपोर्ट में बताया गया है कि गाजा पर आक्रमण के शुरुआती दिनों में इजरायल को तोपों की जरूरत थी. लेकिन भारत ने इजरायल को आयुध सामग्री की आपूर्ति न करने का नीतिगत निर्णय लिया है. रक्षासूत्र ने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर भारत दृढ़ता से तटस्थ है. भारत ने इन दोनों देशों में से किसी को भी विस्फोटक उपकरण आपूर्ति न करने का रुख अपनाया है.


मामले की जानकारी रखने वाले एक रक्षा सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, 'गाजा पर हमले के शुरुआती दिनों में उन्हें 155 मिमी और 105 मिमी के तोप के गोले की जरूरत थी, लेकिन हमने उन्हें आपूर्ति न करने का नीतिगत फैसला लिया. मौजूदा समय में इजरायल अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर पा रहा है. इजरायल को जो आपूर्ति करनी चाहिए थी, उसका इस्तेमाल खुद के लिए कर रहा है.' 


भारत खुद रक्षा आयात पर निर्भर
रक्षा सूत्र ने कहा कि भारत रक्षा आयात पर अत्यधिक निर्भर है. रूस से सिस्टम, पुर्जे, आपूर्ति और गोला-बारूद की डिलीवरी में भी देरी हुई है. सूत्र ने जोर देकर कहा, 'भारत से इजरायल को बहुत कम रक्षा निर्यात होता है. भारत खुद रक्षा आपूर्ति के लिए इजरायल पर निर्भर है, लेकिन मौजूदा समय में इजरायल अपनी आवश्यक्ताओं को पूरा करने में लगा है.'


भारत और इजरायल की कंपनियां मिलकर कर रहीं काम 
कुछ इजरायली कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जिसके तहत कुछ पुर्जे और सामग्री भारत में बनाए जाते हैं या प्रणालियां भारत में जोड़ी जाती हैं. इन सामग्रियों को वापस मूल कंपनी को भेजा जाता है. सूत्र ने कहा, फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के समय, भारत से बहुत अधिक आपूर्ति नहीं हो रही थी, क्योंकि उस समय हमारा रक्षा उद्योग बहुत अधिक तैयार नहीं था.


रक्षा निर्यात में सावधानी बरतता है भारत- रणधीर जायसवाल
दूसरी तरफ मेड इन इंडिया तोप के गोले यूक्रेन भेजने के मामले का विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने खंडन किया है. उन्होंने रॉयटर्स की रिपोर्टों को 'अटकलबाजी और भ्रामक' करार दिया. साथ ही कहा कि भारत की तरफ से किसी तरह का कोई उल्लंघन नहीं किया गया. जायसवाल ने कहा, भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने में बहुत सावधानी बरती है कि उसका कोई भी उपकरण किसी ऐसे देश में न पहुंचे जो उन्हें दूसरे देश को निर्यात कर सकता है.


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