इस्लामाबाद: मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के मुकदमे की सुनवायी पिछली लगातार चार तारीखों से नहीं हो सकी है. बयान दर्ज कराने के लिए 24 गवाहों को पाकिस्तान भेजने संबंधी अनुरोध पर भारत ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.


पाकिस्तानी अदालत के एक अधिकारी ने दावा किया, ‘‘मुंबई मुकदमे में पिछली लगातार चार तारीखों पर सुनवायी नहीं हो सकी है. इसका प्राथमिक कारण बयान दर्ज कराने के लिए गवाहों को भेजने संबंधी अनुरोध पर भारत की ओर से कोई जवाब नहीं मिलना है.’’


अधिकारी के अनुसार मुंबई हमला मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हो रही है क्योंकि उसमें कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं बची है. अधिकारी ने कहा, ‘‘इस्लामाबाद की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने यहां मौजूद सभी गवाहों के बयान और उसके समक्ष पेश किए गए सभी संबंधित दस्तावेजों को दर्ज कर लिया है. इसके अलावा, यहां गवाहों की जिरह भी पूरी हो गयी है.’’


अधिकारी ने कहा, ‘‘अदालत अपने अंतिम फैसले से पहले 24 भारतीयों के बयान दर्ज करने और उनसे जिरह का इंतजार कर रही है.’’ अदालत को पहले बताया गया था कि बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई हमले के गवाहों को यहां भेजने संबंधी पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.


अभियोजन पक्ष के एक अधिकारी ने अदालत ने कहा, ‘‘इस संबंध में हम अभी भी भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कई महीने पहले भारत को पत्र लिखा था, इस संबंध में कई बार उन्हें याद भी दिलाया गया लेकिन वे हमें जवाब नहीं दे रहे हैं.’’