नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने बड़ा कदम उठाया है. एएनआई के सूत्रों के हवाले से सामने आई ख़बर के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर 1000 किलो बम गिराया है. ये बम पुलवामा हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर गिराए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार इतनी भारी मात्रा में बम गिराए जाने से जैश के ठिकाने तबाह हो गए.


इससे जुड़ी सबसे पहली जानकारी पाकिस्तान के मेजर जनरल गफूर ने एक ट्विट करके दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "भारतीय एयरफोर्स ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ की." उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तानी वायु सेना ने इसका समयबद्ध और माकूल जवाब दिया. उन्होंने भारतीय सेना द्वारा जल्दीबाज़ी में पेलोड दागे जाने की भी बात कही जो उनके मुताबिक बालाकोट के पास गिरे. वहीं, ये भी कहा गया कि इससे पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इस ट्वीट और पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स से साफ है कि वहां हडकंप मचा हुआ है.






पाकिस्तानी अख़बार द डॉन ने भी गफूर के हवाले से भारतीय सेना के पाकिस्तान में घुसने की जानकारी छापी है. हालांकि, अख़बार ने अपने मेजर की भाषा का समर्थन करते हुए इसे घुसपैठ बताया है. वहीं, एक और पाकिस्तानी मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भी इस बात की पुष्टी की है भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार कर पाकिस्तान में हमले किए हैं. पाकिस्तनी मीडिया द न्यूज़ इंटरनेशनल ने भी यही लिखा है कि भारतीय एयरफोर्स पाकिस्तान में घुसा और पाकिस्तान वायुसेना की प्रतिक्रिया के बाद उसे वापस जाना पड़ा.


आपको बता दें कि पाकिस्तान और पाकिस्तानी मीडिया की ये प्रतिक्रिया इसलिए अहम है क्योंकि उरी हमले के बाद किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को पाक लगातार नकारता आया है. उन्होंने लगातार ये कहा है कि भारत ने कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया था. लेकिन ये बेहद बड़ी बात है कि भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया से पहले ही पाकिस्तानी मेजर से लेकर पाकिस्तानी मीडिया तक ने ये बात स्वीकार कर ली कि भारत ने उनके देश में घुसकर कार्रवाई की है.


भारत को इतना कठोर कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान ने सिलेसिलेवार आतंकी हमले जारी रखे हैं. चाहे पठानकोट हो या उरी या पुलवामा का ताज़ा आतंकी हमला, भारत अपने स्टैंड पर कायम है कि धमाके और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. 2016 के अंत में हुए उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत समाप्त कर दी और उम्मीद जताई की इसे पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाएगा. बावजूद इसके 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 पारा मिलिट्री जवानों को अपनी जानें गंवानी पड़ी. ऐसे में भारत के पास इस हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.


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