SCO Summit 2022: शंघाई सहयोग सम्मेलन यानी SCO की बैठक उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के समरकंद (Samarkand) में हो रही है. इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शाम को रवाना हो जाएंगे. इससे पहले समरकंद में एबीपी न्यूज ने उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत मनीष प्रभात (Manish Prabhat) से खास बातचीत की है. इस बातचीत में उन्होंने भारत (India) की तरफ से किन मुद्दों को लेकर बात होगी उस पर रोशनी डाली.
उन्होंने कहा कि एससीओ एक महत्वपूर्ण संगठन है और भारत इसका साल 2017 से सदस्य है. इसमें मध्य एशिया के 4 देश हैं, जो इसके सदस्य हैं. इसके अलावा रूस और चीन पहले से ही सदस्य हैं, बाद में भारत और पाकिस्तान को सदस्यता मिली है. उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग सम्मेलन में जब से भारत शामिल हुआ है तब से सकारात्मक भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लेकर आपसी सहयोग को लेकर एससीओ देशों का क्या रुख होना चाहिए इन मुद्दों पर भारत ने सकारात्मक भूमिका निभाई है.
आतंकवाद एक अहम मुद्दा
आतंकवाद के मुद्दे को लेकर जब मनीष प्रभात से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. इस सम्मेलन में सभी नेताओं की मुलाकात होगी तो इस मामले पर भी बात होगी. उन्होंने कहा कि एससीओ में रीजनल एंटी टेररिज्म स्ट्रक्चर, इसका मुख्यालय ताशकंद में है, जो उज्बेकिस्तान में है. इसमें एससीओ देशों के सभी प्रतिनिधि इस मामले पर आदान प्रदान करते हैं कि आतंकवाद पर कैसी भूमिका होनी चाहिए और किस तरह से इससे निपटा जाए. उन्होंने कहा कि एससीओ देशों में ये सहमति है कि आतंकवाद से मिलकर ही निपटना होगा.
भारत और ईरान के रिश्ते होंगे मजबूत
ईरान से रिश्तों के बारे में मनीष प्रभात ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता महत्वपूर्ण तो है ही, खासकर उन देशों के साथ जिनके साथ भारत के अच्छे संबंध हैं. हर देश के साथ अलग-अलग तरह की साझेदारी है, जैसे कि उज्बेकिस्तान के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी है और अगर द्विपक्षीय वार्ता हुई तो हमारे देश को काफी बल मिलेगा. भारत और ईरान के रिश्ते भी मजबूत होंगे.
भारत के लिए चाबहार पोर्ट बेहद अहम
उन्होंने कहा कि ईरान (Iran) में चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) है, उसके लिए भारत ने पहल की है. ये पोर्ट भविष्य में महत्वपूर्ण तो होगा ही, लेकिन ये आज के समय में ये महत्वपूर्ण हो चुका है. इस पोर्ट को लेकर उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) का भी भारत (India) को काफी सहयोग मिला है. इसमें कई और देशों के जुड़ने की उम्मीद है तो ऐसे चाबहार भारत के लिए बेहद अहम है.
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