पीएम मोदी के समर्थन और स्वागत में अब धन्यवाद रैली आयोजित कर रहा है भारतीय-अमेरिकी समुदाय
'चलो यूएन' के नारे के साथ हो रही भारतीय-अमेरिकी समुदाय की यह रैली पाकिस्तान सरकार के इशारे पर होने वाले भारत विरोधी प्रदर्शनों का भी जवाब होगी. इस रैली के लिए न्यूयॉर्क ही नहीं बोस्टन कनेक्टिकट और वॉशिंगटन डीसी से भी कई लोगों के पहुंचने की उम्मीद है.
न्यूयॉर्क: ह्यूस्टन में हुए 'हाऊडी मोदी' आयोजन के हौसले से उत्साहित भारतीय अमेरिकी समुदाय अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए न्यूयॉर्क में खास धन्यवाद रैली का भी आयोजन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर को होने वाले प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के लिए इस रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें करीब 2000 से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. 'चलो यूएन' के नारे के साथ हो रही भारतीय अमेरिकी समुदाय की यह रैली पाकिस्तान सरकार के इशारे पर होने वाले भारत विरोधी प्रदर्शनों का भी जवाब होगी.
यूएन में 27 सितंबर को होने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के मौके पर भारतीय अमेरिकी समुदाय धन्यवाद रैली का आयोजन कर रहा है. इस रैली की तैयारियों से जुड़े न्यूयॉर्क निवासी आत्मा सिंह के मुताबिक भारतीय-अमेरिकी बिरादरी विरोध प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत और समर्थन के लिए यूएन में जमा हो रही है. खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले पर अमेरिका में मौजूद भारतीय समुदाय भी बहुत खुश है. इस रैली के लिए 2,000 से अधिक लोगों के जमा होने की इजाजत मांगी गई है. इस रैली के लिए न्यूयॉर्क ही नहीं बोस्टन कनेक्टिकट और वॉशिंगटन डीसी से भी कई लोगों के पहुंचने की उम्मीद है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस धन्यवाद रैली को एक उत्सव में बदलने के भी खास इंतजाम किए गए हैं. लोगों को न्यूयॉर्क में फर्स्ट एवेन्यू स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय तक लाने के लिए करीब 38 बसों का इंतजाम किया गया है. रैली में आने वाले लोग ढोल नगाड़ों और पारंपरिक वेशभूषा के साथ भी नजर आएंगे. रैली में आ रहे लोग स्वागत और समर्थन की मिठास लेकर लौटे सकें इसके लिए भोजन के खास डिब्बे भी तैयार किए गए हैं. इन डिब्बों पर पर बकायदा पीएम मोदी की तस्वीर और 27 सितंबर की तारीख भी अंकित की गई है. इतना ही नहीं नमकीन के पैकेट को 'मोदी लहर' का नाम दिया गया है.
यह अपने आप में अनोखा उदाहरण होगा जब एक समुदाय के लोग किसी मुल्क के प्रधानमंत्री के लिए समर्थन जताने की खातिर यूएन बिल्डिंग के आगे जमा होंगे. ध्यान रहे कि यूएन महासभा में किसी नेता के भाषण के वक्त उससे शिकायत रखने वालों के जुटने के तो असंख्य उदाहरण हैं. लेकिन इस बार केवल किसी नेता से समर्थन की खातिर लोग इकट्ठा होंगे.
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