US: अमेरिका में एक भारतीय मूल के डॉक्टर को इलाज के लिए प्रतिबंधित दवाएं लिखने का दोषी माना गया है. उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उनसे गलती हुई है. मामला अमेरिका के कैलिफोर्निया का है, जहां 76 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर ने ओपिऑइड और अन्य दवाइयां लिखी थीं.
अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप ए. टलबर्ट के अनुसार, मोडेस्टो के स्वतंत्र चोपड़ा पर पिछले बुधवार को आरोप लगे थे कि उन्होंने मरीजों को इलाज के दौरान प्रतिबंधित दवाइयां लिखीं. चोपड़ा ने प्रतिबंधित ओपिऑयड और अन्य दवाइयां लिखी थीं. भारतीय मूल के डॉक्टर पर तीन मामले दर्ज किए गए थे, जिसे स्वीकार किया गया है.
नशे की लत लगाती हैं ये दवाइयां
गौरतलब है कि स्वतंत्र चोपड़ा ने दवाइयां लिखी थीं, ये दवाएं अत्यधिक नशे की लत की हैं और आमतौर पर इसका दुरुपयोग किया जाता है. यही वजह है कि इन दवाओं पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है. स्वतंत्र चोपड़ा ने इन्हीं दवाइयों का सुझाव अपने अभ्यास के दौरान दिया. प्रतिबंधित दवाएं अफीम से बनती हैं. इसलिए इन दवाओं को सिर्फ तभी लिखा जा सकता है, जब मरीज के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हो.
हो सकती है 20 साल की जेल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब आरोपी को 5 सितंबर को सजा सुनाई जानी है. दोषी पाए जाने पर अधिकतम 20 साल की जेल और एक मिलियन डॉलर का जुर्माना देना पड़ सकता है. गौरतलब है कि अभी हाल ही में अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में भारतीय मूल के 68 वर्षीय डॉक्टर पर 12 महीने के नियमित जांच के दौरान अपनी चार महिला मरीजों के यौन शोषण के कई आरोप लगाए गए हैं.
भारतीय मूल के डॉक्टर पर आरोप है कि उसने 2019 और 2020 के बीच अपनी महिला मरीजों का कथित तौर पर यौन शोषण किया. डॉक्टर ने अपनी देखरेख में मरीजों को नुकसान न पहुंचाने की अपनी शपथ का उल्लंघन किया.