US News: भारतवंशी रवि चौधरी (Ravi Chaudhary) को पेंटागन में अहम जिम्मेदारी मिलने जा रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने भारतीय-अमेरिकी वैमानिकी और रक्षा विशेषज्ञ रवि चौधरी को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन में अहम पद पर नामित करने की घोषणा की. अमेरिकी वायुसेना के पूर्व अधिकारी चौधरी को वायु सेना के ‘प्रतिष्ठान, ऊर्जा और पर्यावरण’ के लिए सहायक सचिव के पद के लिए नामित किया गया. पेंटागन में इस महत्वपूर्ण पद की शपथ लेने से पहले अमेरिकी सीनेट से उनके नाम की मंजूरी मिलनी जरूरी है.
रवि चौधरी इससे पहले अमेरिकी परिवहन मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में सेवा दे चुके हैं. व्हाइट हाउस द्वारा जारी कार्य परिचय के अनुसार, वह संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) में एडवांस्ड प्रोग्राम्स एंड इनोवेशन, ऑफिस ऑफ कमर्शियल स्पेस के निदेशक थे.
इस भूमिका में चौधरी एफएए के वाणिज्यिक अंतरिक्ष परिवहन मिशन के समर्थन में उन्नत विकास और अनुसंधान कार्यक्रमों के निष्पादन की जिम्मेदारी संभालते थे. परिवहन मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने क्षेत्र और केंद्र संचालन में कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया, जहां वह देश भर में स्थित नौ क्षेत्रों में विमानन संचालन में मदद देने तथा उसके समन्वय के लिए जिम्मेदार थे.
व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी वायु सेना में 1993 से 2015 तक वह सक्रिय ड्यूटी पर रहे और उन्होंने वायु सेना में विभिन्न प्रकार के परिचालन, इंजीनियरिंग संबंधी और वरिष्ठ कर्मचारी के तौर पर कार्य किए. बतौर फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर वह उड़ान सुरक्षा और दुर्घटना की रोकथाम में सहयोग करने वाले वायु सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रमों के लिए सैन्य विमानन और हार्डवेयर के उड़ान प्रमाणन के लिए जिम्मेदार थे. व्हाइट हाउस ने बताया कि अपने करियर के शुरुआती समय में उन्होंने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण संचालन में सहयोग किया और पहले जीपीएस के लिए जिम्मेदार उपग्रहों की पूर्ण परिचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए इसके तीसरे चरण और उड़ान सुरक्षा गतिविधियों का नेतृत्व किया.
उन्होंने नासा के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नासा के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सिस्टम इंजीनियर के तौर पर काम किया. उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के दौरान एशियाई अमेरिकियों और प्रशांत द्वीप समूह पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य किया.
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