(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Khalistan Attack: खालिस्तान समर्थकों के हमले के बाद सैन फ्रांसिस्को में भारत के समर्थन में निकली रैली, भारतीय प्रवासियों ने कही ये बात
San Francisco Consulate: 2 जुलाई के हमले से पहले खालिस्तान समर्थकों के एक ग्रुप ने 20 मार्च को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की थी.
Khalistan Attack in San Francisco Consulate: हाल ही में खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आगजनी की कोशिश की थी. इस घटना के बाद भारत के सपोर्ट में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने एक शांति रैली आयोजित की.
खालिस्तान समर्थकों की तरफ से 2 जुलाई को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें खालिस्तानी समर्थक सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाते हुए दिखाई दे रहे थे. कुछ महीनों के भीतर सैन फ्रांसिस्को में हिंसा की ये दूसरी घटना थी.
भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने किया दौरा
सैन फ्रांसिस्को और उसके आसपास के कई भारतीय अमेरिकी भारत के समर्थन में सामने आए और शांतिपूर्ण रैली में हिस्सा लिया. रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान समर्थकों की तरफ से किए गए काम को आतंकवादी कृत्य बताया.
उन्होंने मांग की कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने गुरुवार (13 जुलाई) को वाणिज्य दूतावास का दौरा किया और मिशन में भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों से मुलाकात की. भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से कहा है कि वे चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा को जगह न दें क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहीं है.
भारत के विदेश मंत्री ने दिया बयान
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में कहा था कि कट्टरपंथी चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा भारत या उसके सहयोगी देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी नहीं है. इसी साल 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया.
उन्होंने पुलिस की तरफ से लगाए गए अस्थायी सिक्योरिटी बैरिकेड को तोड़ दिया था और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे. वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही उन झंडों को हटा दिया था.
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