Unescorted Access to Pentagon: पेंटागन में अब बेरोकटोक जा सकते हैं भारतीय रक्षा अधिकारी, जानें अमेरिकी वायुसेना सेक्रेटरी ने क्या कहा
Pentagon: अमेरिका ने पेंटागन स्थित उसके रक्षा मुख्यालय में भारतीय रक्षा अधिकारियों की बेरोकटोक आवाजाही का फैसला किया है.

India US Relations: अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (US Department of Defense) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय रक्षा अताशे (Indian Defense Attache) यानी अधिकारी अब बिना किसी रोक-टोक (Unescorted Access) के पेंटागन जा सकते हैं. रक्षा अताशे (Defense Attache) आमतौर पर राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ (Military Specialist) होता है.
अमेरिकी वायु सेना (US Air Force) के सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल (Frank Kendall) ने अमेरिका (America) में भारत के राजदूत (Indian Ambassador) तरनजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) की ओर से स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर सोमवार को ‘इंडिया हाउस’ (India House) में आयोजित भोज के दौरान कहा कि इस तरह का कदम उस भरोसे और सहयोग को रेखांकित करता है जो अमेरिका और भारत के बीच है.
अमेरिकी वायु सेना सेक्रेटरी ने आगे यह कहा
केन्डाल ने कहा, ‘‘ भारतीय (रक्षा) अताशे टीम अब बेरोकटोक पेंटागन में जा सकती है. यह अहम रक्षा साझेदार के तौर पर भारत के साथ हमारे संबंधों की शुरुआत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको नहीं लगता कि पेंटागन तक बिना बाधा के पहुंच बड़ी बात है तो बता दूं कि मैं पेंटागन में अनुरक्षक (एस्कॉर्ट) के बिना नहीं जा सकता.’’ अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में जाने की अनुमति पाना बेहद मुश्किल काम माना जाता है. यहां तक की अमेरिकी नागरिक भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना वहां नहीं जा सकते हैं.
केन्डाल ओबामा प्रशासन के दौरान भारतीय मुद्दों पर काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि तभी से यह इच्छा थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध मजबूत हों. उन्होंने कहा, ‘‘भारत वह देश है जिसके साथ हम किसी अन्य देश की तुलना में ज्यादा अभ्यास करते हैं. हमारे दीर्घकालिक करीबी संबंध हैं और हम इसे बनाने और मजबूत करने में सफल रहे हैं.’’ केन्डाल ने कहा कि ‘द डिफेंस ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी’ संबंधी पहल मजबूत हुई है.
यह भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

