Indian drone company: एक भारतीय ड्रोन कंपनी ने चीनी संस्थाओं द्वारा अपनी ऑटोपायलट तकनीक के कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया है. इसके बाद भारत सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आयात पर रोक लगाने को कहा है. चेन्नई स्थित ज़ुप्पा जियो नेविगेशन टेक्नोलॉजी ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) को पत्र लिखकर उन चीनी कंपनियों से Import पर पर बैन लगाने की मांग की है, जिन पर उसका आरोप है कि उन्होंने उसके पेटेंट का उल्लंघन किया है.
डीजीएफटी को दिए एक लेटर में भारतीय कंपनी ने कहा है कि उसे इस साल अप्रैल में कंपनी को रियल टाइम कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर के लिए पेटेंट से सम्मानित किया गया था, जिसे 'सिस्टम ऑफ डिसेमिनेटेड पैरेलल कंट्रोल कंप्यूटिंग इन रियल टाइम' कहा जाता है. कंपनी ने कहा कि नौ साल की जांच के बाद पेटेंट दिया गया. कंपनी ने याचिका दायर की है कि शंघाई स्थित कंपनी JIYI रोबोट भारत में ऑटोपायलट निर्यात कर रही है, जो सीधे तौर पर उनके अधिकार का उल्लंघन है. ज़ुप्पा जियो ने कहा कि चीन में स्थित JIYI नाम की एक अन्य कंपनी भी ऑटोपायलट की सप्लाई कर रही है, जो कथित तौर पर उसके कॉपीराइट का उल्लंघन है.
कई अन्य देशों ने लगाए चीन पर आरोप
अमेरिका और कई अन्य देशों ने चीन पर आरोप लगाए है कि उन्होंने इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी की है, जो इंटरनेशनल मार्केट के समझौते का एक उल्लंघन है. अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के डेरेक सिजर्स के मुताबिक चीन की कंपनियां इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी के जरिए महंगी रिसर्च और डेवलपमेंट का इस्तेमाल कर सस्ते दामों पर प्रोडक्ट तैयार करती हैं. वही मामले पर सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के टेक्नोलॉजी पॉलिसी प्रोग्राम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और डायरेक्टर जेम्स लुईस का कहना है कि चीन की रणनीति पश्चिमी कंपनियों से टेक्नोलॉजी हासिल करना है.