Indian Embassy Consulate: अफगानिस्तान के जलालाबाद में मंगलवार (24 दिसंबर) को नवी मंडावी इलाके में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में कार्यरत एक अफगान नागरिक के वाहन पर अज्ञात लोगों ने गोलीबारी कर दी, जिससे वह घायल हो गया. मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी. भारत ने लगभग साढ़े तीन साल पहले वाणिज्य दूतावास में कामकाज बंद कर दिया था, लेकिन कई स्थानीय कर्मचारी वहां काम कर रहे थे.


मामले से परिचित एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘आज अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के जलालाबाद स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक स्थानीय अफगान कर्मचारी से जुड़ी एक घटना घटी.’’ व्यक्ति ने कहा, ‘‘घटना में वाणिज्य दूतावास के स्थानीय कर्मचारी को मामूली चोटें आईं हैं. भारत ने 2020 में ही जलालाबाद में अपना वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया था.’’


घटना की रिपोर्ट का इंतजार
लोगों ने बताया कि भारत अफगान अधिकारियों के संपर्क में है और घटना की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. अफगान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार वाणिज्य दूतावास के अफगान कर्मचारी की पहचान वदूद खान के रूप में की गई है. वह कथित तौर पर एक अफगानी नागरिक के तौर पर काम कर रहा था. तालिबान के कब्जे के बाद खान अफगानिस्तान छोड़कर भारत चले गए थे. रिपोर्टों में कहा गया है कि खान कथित तौर पर कुछ महीने पहले अफगानिस्तान लौट आए और वाणिज्य दूतावास में फिर से काम करने लगे.


वदूद खान शिरजाद पर 3 बार हुए हमले
रिपोर्ट के अनुसार वदूद खान शिरजाद ने पिछले 15 वर्षों से भारतीय वाणिज्य दूतावास में अनुवादक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं.
2011 में अपहरण: उनका अपहरण किया गया था, लेकिन बाद में बातचीत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
2016 का हमला: जलालाबाद में वाणिज्य दूतावास पर हुए सशस्त्र हमले में वदूद खान शिरजाद बाल-बाल बचे, लेकिन उनके ड्राइवर की मौत हो गई.
हालिया हमला: यह तीसरी घटना है जिसमें वदूद घायल हुए और उनके ड्राइवर की जान चली गई.


इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों को उजागर किया है. भारतीय वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों पर बार-बार हमले गंभीर चिंता का विषय हैं. इससे क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीतिक सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं.


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