(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ISIL-K की भारत-चीन के दूतावासों पर आतंकी हमलों की धमकी, खुद को तालिबान का प्रतिद्वंदी मानता है यह खूंखार संगठन
Indian Embassy Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता है और वहां चीन, भारत और ईरान के दूतावास सक्रिय हैं. ऐसे में इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत-खुरासान ने दूतावासों पर हमले की धमकी दी है.
ISIL-K Threats Terror Attack: एशिया के एक आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में भारत (Indian Embassy), चीन और ईरान के दूतावासों पर आतंकी हमले (Terror Attack) की धमकी दी है. यह धमकी 'इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत-खुरासान' (ISIL-K) की ओर से दी गई. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक, ISIS-K भारत, चीन और ईरान के दूतावासों को निशाना बनाकर अफगान तालिबान और मध्य एवं दक्षिण एशियाई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच संबंधों को कमजोर करना चाहता है.
मीडिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की एक रिपोर्ट की चर्चा हो रही है. उस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 'इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत-खुरासान' (Islamic State – Khorasan Province) द्वारा कुछ देशों के लिए खतरा पैदा किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने आईएसआईएल (दाएश) की धमकी को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा माना है और इस खतरे का मुकाबला करने में सदस्य देशों की मदद के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की 16वीं रिपोर्ट में कई बातें कही गईं. उस रिपोर्ट में कहा गया, "ISIS-K मध्य एवं दक्षिण एशिया में बड़ा आतंकवादी खतरा है, जो अपने बाह्य अभियानों को अंजाम देने की मंशा रखता है."
तालिबान का प्रतिद्वंद्वी बनने की जुगत में ISIS-K
खबर है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने 'आतंकवादी गतिविधियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे' पर एक मीटिंग बुलाई है. जिसमें संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-विरोधी कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव ISIS-K से जुड़ी रिपोर्ट को पेश करेंगे. ऐसा बताया जा रहा है कि ISIS-K खुद को तालिबान के 'चिर प्रतिद्वंद्वी' के रूप में स्थापित करने की कोशिश में है और वह यह दिखाना चाहता है कि तालिबानी सत्ता अफगानिस्तान में सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है.
देशों के संबंधों को कमजोर करना है मकसद
रिपोर्ट के मुताबिक, 'ISIS-K विभिन्न राजनयिक मिशन को निशाना बनाकर तालिबान और क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच संबंधों को कमजोर करना चाहता था. इसलिए इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान में चीन, भारत और ईरान के दूतावासों पर आतंकवादी हमले की धमकी दी है.'
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