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अमेरिका में भारतीय की हत्या: पुलिस हेट क्राइम के एंगल से कर रही है मामले की जांच
ह्यूस्टन (वॉशिंगटन): अमेरिकी केंसास शहर में एक पूर्व अमेरिकी नौसैनिक ने एक भारतीय इंजीनियर की गोली मारकर हत्या कर दी और एक भारतीय और एक अमेरिकी को घायल कर दिया. गोलियां चलाते समय आरोपी कथित तौर पर चिल्लाते हुए कह रहा था- ‘मेरे देश से निकल जाओ’ और ‘आतंकवादी’. यह ‘संभवत: घृणा अपराध’ का मामला हो सकता है.
बीते बुधवार रात को हुई एक झड़प के बाद 51 साल के पूर्व नौसेनाकर्मी ने नस्ली हमले के तहत गोलियां चला दी थीं जिसमें श्रीनिवास कुचीभोटला (32) की मौत हो गई. श्रीनिवास ऑलेथ स्थित गार्मिन मुख्यालय में काम करता था. हमले में एक अन्य भारतीय सहकर्मी आलोक मदसाणी भी गंभीर रूप से घायल हो गया. गोलीबारी में घायल दूसरे व्यक्ति की पहचान अमेरिकी नागरिक इयान ग्रीलोट के तौर पर हुई है जो बीच बचाव करने आया था. घटना ऑलेथ के ऑस्टिन बार एंड ग्रिल में हुई.
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने अमेरिका से इस मामले में तेजी से जांच करने को कहा है. वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता प्रतीक माथुर ने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार ने हमले की निंदा करते हुए हमें विश्वास दिलाया है कि वे मामले में गहन जांच कर रहे हैं.’’ आरोपी एडम पुरिनतोन की कथित तौर पर पीड़ितों से नस्ली मुद्दों पर बहस हो गई थी और वह उनपर गोलियां चलाने से पहले ‘मेरे देश से निकल जाओ’, ‘आंतकियों’ चिल्ला रहा था.
पुलिस के अनुसार पुरिनतोन बहस के बाद बार से चला गया था लेकिन फिर वह बंदूक लेकर वहां वापस आया और तीनों को गोली मार दी. बार के संरक्षक उस समय बॉस्केटबॉल मैच देख रहे थे. आरोपी एडम पुरिनतोन (51) को घटना के पांच घंटे बाद गुरूवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. उस पर हत्या और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है. अब स्थानीय पुलिस के साथ एफबीआई भी मामले की जांच कर रही है.
एफपीआई के केंसास शहर कार्यालय के विशेष एजेंट प्रभारी एरिक जैकसन ने कहा, ‘‘एफबीआई कुचीभोटला पर चली गोलियों की जांच के लिए प्रतिबद्ध है. यह पता किया जाएगा कि क्या यह हेट क्राइम है जिसमें पीड़ित के मूल अधिकारों का उल्लंघन किया गया है.’’ अधिकारियों ने घटना के नस्ली घृणा अपराध होने या न होने के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. बहरहाल, स्थनीय पुलिस एफबीआई के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है. ऑलेथ के पुलिस प्रमुख स्टीवन मेन्के ने कहा, ‘‘यह हिंसा का एक दुखद कृत्य है.’’
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मामले पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों को हर संभव सहायता मुहैया करवाने के लिए केंसास भेजा गया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं केंसास में हुई गोलीबारी की घटना पर स्तब्ध हूं जिसमें श्रीनिवास कुचीभोटला की मौत हो गई. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.’’ सुषमा ने लिखा, ‘‘मैंने अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना से बात की है. उन्होंने मुझे बताया कि भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों को केंसास भेजा गया है.’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि कुचीभोटला हैदराबाद और मदसाणी वारंगल के निवासी हैं जो वहां ऑलेथ स्थित ग्रार्मिन में काम करते थे.
स्वरूप ने कहा, ‘‘भारतीय दूतावास के अधिकारी घायलों से मिलेंगे और मृतकों के पार्थिव शरीर वापस लाने में मदद करेंगे और घटना पर जानकारी हासिल करने और आगे की कार्रवाई पर निगरानी बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ भी संपर्क में रहेंगे. ’’ गार्मिन के अनुसार कुचीभोटला और मदसाणी कंपनी की फ्लाइंग टेक्नॉलजी के लिए काम करते थे.
एफबीआई स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है. आरोपी पर सोची समझी साजिश के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है और उसकी जमानत राशि 20 लाख अमेरिकी डॉलर तय की गयी है.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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