ब्रिटेन में तिरंगा फाड़े जाने की घटना: भारत ने जताई कानूनी कार्रवाई की उम्मीद
विदेश मंत्री के एक प्रवक्ता का कहना है, "हम इस घटना के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं. ये कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो इस घटना में शामिल थे. हमें घटना से बेहद पीड़ा हुई है."
लंदन/नई दिल्ली: भारत उन सिख और कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाने जाए की उम्मीद जताई है जिन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में तिरंगा फाड़ दिया था. पीएम मोदी के लंदन दौरे के दौरान हुए एक विरोध प्रदर्शन में लंदन के पार्लियामेंट स्क्वॉयर पर लगे तिरंगे को पोल से उतार कर फाड़ दिया गया था.
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एंटी-इंडिया नारे लगाए गए, वहीं तिरंगे की जगह खालिस्तान और "आज़ाद कश्मीर" के झंडे लगा दिए गए. आपको बता दें कि ये तिरंगा उन 53 झंड़ों के बीच लगा था जो कॉमनवेल्थ समिट में हिस्सा लेने आए देशों के लिए लगाया गया था.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है, "हम इस घटना के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं. ये कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो इस घटना में शामिल थे. हमें घटना से बेहद पीड़ा हुई है."
मोदी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में फाड़ा गया तिरंगा, ब्रिटेन ने मांगी माफी
आपको बता दें कि द्विपक्षीय और चोगम वार्ता के लिए लंदन पहुंचे पीएम मोदी ने जब अपनी ब्रिटिश समकक्ष टेरीजा मे से मुलाकात की तब वहां प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन जारी था. इस प्रदर्शन को कवर कर रहे भारत के एक बड़े समाचार चैनल के पत्रकार हिंसक प्रदर्शन में फंस गये थे और ड्यूटी पर मौजूद स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों को बीच-बचाव करना पड़ा.
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मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘बुधवार, 18 अप्रैल को (ब्रिटिश समयानुसार) दोपहर तीन बजे पार्लियामेंट स्क्वायर में एक भारतीय झंडे को नीचे उतार लिए जाने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.’’
घटना को लेकर ब्रिटेन ने जताई थी निराशा
ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन पार्लियामेंट स्क्वायर में एक छोटे से समूह की ओर से उठाए गए कदम से हम निराश हैं और जैसे ही हमें इस बारे में बताया गया, हमने उच्चायुक्त यशवर्धन कुमार सिन्हा से संपर्क किया.’’
बयान के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा से भारत के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए हैं और हम कई अहम क्षेत्रों में ज्यादा करीबी तौर पर मिलकर काम करने को उत्सुक हैं.’’