रूस-यूक्रेन संकट पर बोले जयशंकर, कहा- 'भारत UNSC के अन्य मेंबर्स के साथ मिलकर रूस से कर सकता है बात'
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने भी अपना पक्ष रखा है. उन्होंने इस मामले में भारत की चुप्पी पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया. जयशंकर अभी फ्रांस में हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद और अब बने युद्ध के हालात ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. एक तरफ जहां कई देश यूक्रेन के साथ खड़े नजर आ रहे हैं तो कई देश रूस का साथ दे रहे हैं. वहीं कई देश ऐसे भी हैं जो तटस्थ बने हुए हैं. भारत भी इन्हीं देशों में से एक है जो तटस्थ है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक में भी इसी रुख को अपनाते हुए कहा था कि इस विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करके निकालने की जरूरत है. अब इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने भी अपना पक्ष रखा है.
मौजूदा हालात 30 साल का परिणाम
फ्रांस पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने वहां के एक अखबार से बातचीत के दौरान कहा कि, यूक्रेन और रूस के बीच गतिरोध की जड़ें सोवियत के बाद की सियासत में हैं. उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन के मौजूदा हालात का कनेक्शन नाटो (NATO) के विस्तार और यूरोपीय देशों के साथ रूस के बदलते संबंधों में भी है. ये परिस्थिति आज या कल में नहीं बनी है, बल्कि यह पिछले 30 साल का परिणाम है.
युद्ध से समस्या और बढ़ेगी
जब जयशंकर से रूस द्वारा सैनिक तैनात किए जाने का भारत की ओर से कोई निंदा न किए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, दुनिया इस समय कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है. ऐसी स्थिति में युद्ध वाले हालात इंटरनेशनल चुनौतियों को और बढ़ाते हैं. भारत इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य मेंबर्स के साथ रूस से बात कर सकता है. भारत फ्रांस की तरह पहल का समर्थन करता है.
क्वाड पर भी रखे विचार
जयशंकर ने QUAD का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि QUAD क्षेत्रिय और वैश्विक चुनौतियों में मदद करेगा. QUAD के पीछे हमारा मकसद ये है कि हम चार एक-दूसरे के साथ काम करने में सहज हैं और हमारे बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं. बता दें कि जयशंकर ने पिछले दिनों क्वाड को एशियाई नाटो बताने की नींदा की थी. उन्होंने कहा था कि यह भ्रामक शब्दावली है.
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