US Report  On Terrorism: आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई पर अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी की है.  इस रिपोर्ट में अमेरिका ने भी माना है कि भारत सरकार ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं. यूएस ब्यूरो ऑफ काउंटरटेररिज्म की रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने आतंकवादी संगठनों के संचालन का पता लगाने, बाधित करने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए. 


रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (J&K), पूर्वोत्तर राज्य और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया. लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश, भारत में सक्रिय आतंकवादी समूह हैं.


आतंक के खिलाफ भारत ने उठाए ठोस कदम 


रिपोर्ट में कहा गया कि आतंकी संगठनों की पहचान करने और उनकी गतिविधियां रोकने में भारत ने ठोस कदम उठाए हैं. जबकि पाकिस्तान के बारे में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस देश को बहुत कम सफलता हाथ लगी है. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी गतिविधियों में संलिप्त संगठन हाईटेक हुए हैं. साल 2021 में आतंकवादी संगठनों ने हमलों के लिए नए रणनीति अपनाई. इन्होंने नागरिकों को निशाना बनाया और आईईडी व ड्रोन के जरिए हमले किए. 


अक्टूबर 2021 में अमेरिका, भारत ने काउंटर टेररिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 18वीं बैठक की थी. नवंबर 2021 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ दूसरे क्वाड काउंटर टेररिज्म टेबलटॉप अभ्यास की मेजबानी की. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि भारत आतंकवाद की जांच से संबंधित जानकारी के लिए अमेरिकी अनुरोधों का तुरंत जवाब देता है. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में जम्मू-कश्मीर में 153 आतंकवादी हमले हुए. इन हमलों में 274 लोगों की मौत हुई जिसमें 45 सुरक्षाकर्मी, 36 नागरिक और 193 आतंकवादी शामिल थे. अन्य उल्लेखनीय हमलों में मणिपुर में 1 नवंबर को एक हमला शामिल था, जिसमें मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और नागा पीपुल्स फ्रंट ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक भारतीय सेना अधिकारी और उसकी पत्नी और नाबालिग बेटे सहित सात लोग मारे गए.


आतंकवाद के खिलाफ कमजोर दिखा पाकिस्तान 


हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2021 में भारत के आतंकवाद से संबंधित कानून में कोई बदलाव नहीं हुआ, बावजूद इसके परिणाम सकारात्मक रहें. पाकिस्तान में साल 2020 की तुलना में 2021 में ज्यादा आतंकवादी हमले हुए. आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान सरकार ने साल 2015 के अपने नेशनल एक्शन प्लान में बदलाव किया. बावजूद इसके वह आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों पर नकेल कसने में ज्यादा प्रभावी कदम नहीं उठा पाई. आतंक के मोर्चे पर बहुत कम सफल हुई. बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में कई आतंकी हमले हुए. 


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