Economic Crisis In Sri Lanka:  श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को इस बात से साफ तौर पर इनकार किया कि उसने देश में वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है. उच्चायोग ने कहा कि वीजा प्रकोष्ठ के कर्मचारियों के कार्यालय न आने के कारण संचालनात्मक दिक्कतों से यह बाधा पैदा हुई थी. इनमें से ज्यादातर कर्मचारी श्रीलंकाई नागरिक हैं. उच्चायोग ने कहा कि वह जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश कर रहा है.


वीजा पर रोक लगाने वाली बात से दूतावास ने किया इनकार


भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि उच्चायोग स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार करता है कि उसने या भारतीय महावाणिज्य दूतावासों या श्रीलंका में भारत के सहायक उच्चायोग ने वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है. पिछले कुछ दिनों में हमारे वीजा प्रकोष्ठ कर्मियों के कार्यालय न आने के कारण संचालनात्मक दिक्कतें हुईं हैं. इनमें से ज्यादातर कर्मी श्रीलंकाई नागरिक हैं. उच्चायोग ने बताया कि हम जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं और भारत में श्रीलंकाई नागरिकों की यात्रा सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. श्रीलंका में भारतीयों की तरह ही भारत में श्रीलंकाई नागरिकों का स्वागत है.


श्रीलंका के हालात में नहीं है सुधार


गौरतलब है कि श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इसके विरोध में लोग सड़कों पर आ गए थे और विरोध प्रदर्शन करने लगे थे. कुछ दिन पहले ही महिंदा राजपक्षे को देश के बिगड़ते आर्थिक हालात के मद्देनजर हुई हिंसक झड़पों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद, देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को स्थिरता प्रदान करने के लिए गुरुवार को श्रीलंका में विपक्ष के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश के 26वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी. लेकिन वहां की जनता विक्रमसिंघे का भी विरोध कर रही है.


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