नई दिल्ली: पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और अन्य अधिकारियों को पंजाब प्रांत के गुरुद्वारा पंजा साहिब में जाने से रोके जाने पर नई दिल्ली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बिसारिया और भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी गुरुद्वारा में भारतीय श्रद्धालुओं से मिलने जा रहे थे तभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह हरकत विदेश मंत्रालय से अनुमति मिलने के बावजूद की है.


इस मामले में भारत सरकार ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन किया और विरोध जताया. भारत ने कहा कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को रोकना वियना समझौते और 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.


बयान में कहा गया है, ‘‘भारत में अलगाववादी मुहिम को पाकिस्तान द्वारा लगातार मिल रहे समर्थन और भारतीय श्रद्धालुओं को भड़काने के प्रयास पर चिंता जताई गई. पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा गया कि सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की कोई गतिविधि उसकी धरती से संचालित नहीं हो.’’


भारतीय उच्चायुक्त को दूसरी बार पाकिस्तान ने वहां गए भारतीय श्रद्धालुओं से मिलने से रोका है. भारतीय आयोजक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने इस घटना पर गंभीर चिंता और आश्चर्य जताया. एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने आज कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई ‘‘ गलत ’’ है और श्रद्धालुओं का कुशल क्षेम जानने के लिए अधिकारियों को उनसे मिलना था .


उन्होंने कहा , ‘‘भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने देश के लोगों से मिलें लेकिन उनलोगों को श्रद्धालुओं से मिलने से रोक कर पाकिस्तान ने गलती की है.’’


वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश अपनी राजनीतिक योजना में धर्म को लाकर भारत के साथ अपने संबंधों में “बेहद निचले स्तर” पर चला गया है. उन्होंने कहा कि भारत के प्रति पाकिस्तान की विचारहीन और निर्रथक शत्रुता चौंकाने वाला है.


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